हैदराबाद के हावड़ा की बेटी कोयल बार ने कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर पूरे देश का नाम रोशन कर दिया है। 17 साल की उम्र में यह कमाल कर दिखाना आसान नहीं था लेकिन कोयल ने न सिर्फ गोल्ड जीता बल्कि दो विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए। गणेश चतुर्थी के मौके पर मिली इस उपलब्धि से उसके घर और परिवार में जश्न का माहौल है।
महज सत्रह साल की कोयल ने महिलाओं की 53 किलोग्राम युवा वर्ग में कुल 192 किलोग्राम भार उठाकर इतिहास रच दिया। पहले उसने 85 किलोग्राम उठाकर पुराना रिकॉर्ड छुआ और फिर 192 किलोग्राम उठाकर 188 किलोग्राम का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस जीत के बाद कोयल का नाम दुनिया भर में गूंज रहा है।
कोयल के पिता मिथुन बार पेशे से मीट विक्रेता हैं। बेटी की कामयाबी देख उनकी आंखों से आंसू रुक नहीं पाए। उन्होंने कहा कि जो लोग पहले कोयल का मजाक उड़ाते थे अब वही तारीफ कर रहे हैं। मिथुन बार ने पढ़ाई के बाद योग सीखना चाहा था लेकिन हालात ने उन्हें मजबूर किया और उन्होंने अपनी बेटी को कोच अष्टम दास के पास भेज दिया। आज वही फैसला उनके लिए गर्व का कारण बन गया है।
अपनी जीत के बाद कोयल भी भावुक हो गई। उसने कहा कि जब भी वह मंच पर वजन उठाती है तो उसे अपने पिता का चेहरा नजर आता है। उसके पिता ने हमेशा परिवार को संभाला और उसे कभी पैसों की चिंता नहीं करने दी। कोयल ने कहा कि उसके पिता की मेहनत के बिना यह सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था।
कोयल का कहना है कि उसे शुरू से ही भरोसा था कि वह एक दिन बड़ा मुकाम हासिल करेगी। उसने कहा कि जो संघर्ष उसने देखे हैं उनकी तुलना में यह जीत बहुत छोटी लगती है लेकिन अब उसे यकीन है कि वह किसी भी मंजिल तक पहुंच सकती है।
कोच अष्टम दास ने भी कोयल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोयल ने कभी अभ्यास नहीं छोड़ा। यहां तक कि बुखार होने पर भी वह ट्रेनिंग करती रही। बचपन से उसकी तकनीक और मेहनत ने उसे अलग बना दिया। आज वही मेहनत उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमका रही है।
कोयल की यह कामयाबी हावड़ा के साथ पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है। 2013 में अचिंत्य शेउली ने यहां से खेल की दुनिया में पहचान बनाई थी और अब कोयल ने उसे आगे बढ़ाते हुए भारत का नाम ऊंचा किया है।
