निकाय चुनाव विशेष : गोरखा आक्रमण के बाद तेजी से हुआ पिथौरागढ़ नगर का विस्तार

Newsdesk Uttranews
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प्रथम श्रेणी की नगरपालिका होने का गौरव प्राप्त है पिथौरागढ पालिका को

33 हजार से अधिक वोटर करेगे मतदाताओं के भविष्य का फैसला

कुण्डल सिंह चौहान

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पिथौरागढ़। सोर घाटी आज अपने किसी परिचय की मोहताज नही है। लगभग 228 वर्ष पुराने इस शहर ने गोरखा आक्रमण के बाद जन्म लिया। सीमान्त सन 1790 में गोरखों ने पिथौरागढ़ पूर्व में पिठौरागढ़ पर आक्रमण कर जब यहां अपना आधिपत्य स्थापित किया।
पितरौटा गांव के ऊपर और वर्तमान नगरपालिका कार्यालय के समीप एक किले का निर्माण कराया। किल के निर्माण के बाद गोरखों की पलटन यहां आई तो पलटन की दैनिक जरूरतों की पूर्ति के मद्देनजर नगर का विस्तार होना शुरू हुआ। इसके बाद सन 1815 में अंग्रेजों ने गोरखा फौज को पराजित कर दिया, जिसके बाद अंग्रेज फौज यहां आई जिससे धीरे-धीरे नगर का और विस्तार होता गया।
आजादी के बाद सन 1962 से पहले पिथौरागढ़ टाउन एरिया कमेटी के नाम से जाना जाता था। सन 1962 में पिथौरागढ़ चतुर्थ श्रेणी नगरपालिका बनीं। इसके बाद 1971 में तृतीय श्रेणी और 1979 में पिथौरागढ़ नगरपालिका को द्वितीय श्रेणी का दर्जा मिला। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 8 दिसंबर 2011 को नगरपालिका परिषद पिथौरागढ़ प्रथम श्रेणी में शामिल की गई। वर्तमान में प्रथम श्रेणी की इस नगरपालिका में कुल 33 हजार 6 सौ 91 वोटर हैं। अब तक पिथौरागढ़ नगरपालिका में कुल 6 अध्यक्ष हुए हैं।
इसके पहले पदेन अध्यक्ष एडवोकेट खीम सिंह सौन थे। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के कार्यकाल में पंचायती राज एक्ट आने के बाद नगर निकायों को संवैधानिक दायरे में लाया गया। इसके बाद नगरपालिका के विधिवत चुनाव होने शुरू हुए तो पिथौरागढ़ पालिका के पहले निर्वाचित अध्यक्ष जगजीवन सिंह कन्याल बने। बीच में डेढ़ दशक से अधिक समय तक नगरपालिका भंग रही।
और इसका कामकाज प्रशासक के हाथों में रहा। नगरपालिका पिथौरागढ़ का सीमा विस्तार भी होता रहा और समय-समय पर वार्डों की संख्या भी घटती-बढ़ती रही।

एक नजर में नगरपालिका पिथौरागढ़ के अध्यक्ष

1. खीम सिंह सौन
2. जगजीवन सिंह कन्याल
3. प्रेमा सेन
4. जगह सिंह खाती
5. राजेंद्र सिंह रावत
6. जगत सिंह खाती

छह इलाकों को शामिल कर पांच नए वार्ड बने

पिथौरागढ़। निर्वाचित पहले अध्यक्ष के समय नगरपालिका पिथौरागढ़ में वार्डों की संख्या 13 थी। उसके बाद वार्ड बढ़कर 25 हो गए, फिर लगातार दो कार्यकाल तक वार्डों की संख्या 25 ही रही।
निवर्तमान पालिकाध्यक्ष के समय में वार्डों की संख्या घटकर 15 हो गई जबकि वर्तमान में वार्ड बढ़कर 20 हो गए हैं। इस बार नगरपालिका परिषद क्षेत्र में 5 नए वार्ड बनाए गए। इनको कृष्णापुरी, जगदम्बा कॉलोनी, धनौड़ा, दौला और एंचोली नाम दिया गया है। नए वार्डों में धनौड़ा, नेड़ा, बस्ते, दौला, सिकड़ानी-चंडाक आंशिक गांव और एंचोली के कुछ इलाकों को जोड़ा गया है।