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अल्मोड़ा की खस्ताहाल आंतरिक सड़कों को सही करने के लिए 3 दिन का अल्टीमेटम

उत्तरा न्यूज डेस्क
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3-day ultimatum to correct the ravaged interior roads of Almora अल्टीमेटम

अल्मोड़ा, 18 अगस्त 2020- अल्मोड़ा नगर की आंतरिक व आस-पास की सड़को की खस्ता हालत को लेकर एनआरएचएम के पूर्व उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक ने गहरी नाराजगी जताई है.(अल्टीमेटम)

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अल्टीमेटम


उन्होंने तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए इस संबंध में सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर चक्काजाम व आंदोलन की चेतावनी दी है.

डीएम के माध्यम से सीएम को भेजे ज्ञापन में उन्होंने कहा कि इस संबंध में 19 जून तथा 17 जुलाई को भी ज्ञापन दिए गए थे. और कोई कार्यवाही न होने के परिणामस्वरूप होकर स्थानीय नागरिकों के साथ 27 जुलाई को लोअर माल रोड में चक्का जाम जैसी कार्यवाही के लिये बाध्य होना पडा ।
तब जिला प्रशासन द्वारा चक्का जाम खुलवाये जाने के लिये ज्ञापन प्राप्त करते हुये आश्वासन दिया गया था कि सड़कों की मरम्मत का कार्य पन्द्रह दिन के भीतर कर दिया जायेगा किन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
ज्ञापन में कहा गया कि मुख्यतः क्वारब-अल्मोडा, अल्मोड़ा-कोसी-रानीखेत मोटर मार्ग, अल्मोड़ा-घाट,अल्मोडा की आन्तरिक सड़कें जिनमें रानीधारा मोटर मार्ग,अल्मोड़ा-कसारदेबी-कपड़खान मोटरमार्ग,एल.आर.साह रोड,अल्मोड़ा शैल रोड,जी.जी.आई.सी एवं गैस गोदाम लिंक मार्ग आदि अल्मोड़ा जनपद में राष्ट्रीय राजमार्ग / लोक निर्माण विभाग (जिनमें प्रान्तीय खण्ड व निर्माण खण्ड) के अधीन अधिकांश सड़कों की स्थिति आज भयावह है ,सड़क के बीचो बीच में काफी बड़े गड्ढे पड चुके हैं,नालियां बन्द हैं तथा सड़क के किनारे भयानक झाड़ियां उग आयी हैं । सड़क के क्षतिग्रस्त होने से आये दिन दुर्घटनायें हो रही हैं तथा गाड़ियों को व उनमें बैठे हुये मरीजों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है .
(अल्टीमेटम)


अल्मोड़ा विधान सभा की समस्त सड़कें या तो क्षतिग्रस्त हैं या उनकी ऊपरी सतह का डामर पूरी तरह उखड़ चुका है । सम्बन्धित विभागों के ऐसे निरंकुश अधिकारी आज पद पर विराजमान हैं जो जन समस्याओं को जानबूझ कर अनदेखा कर रहे हैं । मोटर मार्गो में सुधारीकरण/मरम्मत के नाम पर
विभाग द्वारा खानापूर्ति के लिये सडकों के गडढों में मिट्टी डाल कर पाटा जा रहा है ताकि आम जनता को आसानी से गुमराह किया जा सके,साथ ही सडकों के किनारों की भयावह झाड़ियों में आये दिन छिपे हुये तेंदुवे देखे जा रहे हैं । सम्बन्धित मार्गो के अधिकारियों द्वारा उक्त मार्गो का न तो निरीक्षण किया गया और न ही इस सम्बन्ध में कोई ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारम्भ करवाया गया ।
मंगलवार को दिए ज्ञापन में उन्होंने कहा कि यदि दिनांक 21अगस्त तक उपरोक्त सड़कों के सुधारीकरण/मरम्मत का कार्य प्रारम्भ नहीं होता है तो स्थानीय नागरिकों के साथ पुनः लम्बे चक्का जाम जैसे आन्दोलनात्क कार्यवाही के लिये बाध्य होना पडेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन/विभाग व सरकार की होगी .
(अल्टीमेटम)

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