दरिंदगी की शिकार मासूम की दास्तां आपको रुला देगी(Sadness), दम तोड़ने से पहले भी बोली उस दरिंदे को फांसी देना

उत्तरा न्यूज डेस्क
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उत्तरा न्यूज पिथौरागढ़ : एक बार भी दरिंदगी की शिकार गुड़िया जिंदगी की जंग हार गई. लेकिन मानवता को शर्मशार करने वाली यह घटना हृदयविदारक(Sadness) भी है|

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मुनस्यारी की यह मासूम दम तोड़ने से पहले भी यह कहती रही कि उस दरिंदे को फांसी जरूर देना|

गुरुवार की रात इस गुड़िया ने हल्द्वानी अस्पताल में दम तोड़ दिया.

अधेड़ दुराचारी द्वारा दरिंदगी के बाद उसने खुद को आग लगा ली. और अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

1 मई को मुनस्यारी निवासी एक मासूम ने अपने साथ गलत कार्य होने से आहत हो खुद को आग लगा दी थी.
उसे गंभीर हालत में STMH में बर्न वार्ड में भर्ती करवाया था और तुरन्त उपचार प्रारम्भ हो गया था.
सेप्टीसीमिया के कारण उसे बचाया नहीं जा सकी .
हल्द्वानी में उपचार के दौरान व्यवस्था में जुटे सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह चड्डा ने बताया कि मासूम
अंत तक बस यही कहती रही कि क्या उसको फांसी होगी जरूर दिलवाना.

जिस पीड़ा और जख्म उस घटना ने दिए थे रात को सोये बस वही बोलती रहती थी .जो वह पापी धमकाता गलत करता था . उसे फांसी होनी चाहिए(Sadness).

हालांकि दुराचारी नाथूराम को गिरफ्तार कर लिया गया है.
इधर रेप पीड़िता बेटी को श्रंदाजलि देने के लिए पिथौरागढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता व जिलापंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने मृतका को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सभी से अपने घर में एक कैंडल जलाने की अपील की है.
उन्होंने सभी से इस प्रवृत्ति का विरोध करने की अपील करते हुए कहा कि
मुनस्यारी की 16 साल की मासूम बच्ची का रेप लगातार किया गया, इससे तंग आकर बेटी ने आत्महत्या कर ली. गुरुवार को समाज पर अनगिनत सवाल छोड़कर हमेशा के लिए चली गई. उन्होंने सरकार से घटना की हर पहलू की जांच के लिए आरोपी को पुलिस रिमांड में लेकर पुनः पूछताछ करने, घटना स्थल की फोरेसिंक जांच किए जाने,
सरकारी विभाग में तैनात आरोपित को तत्काल निलंबित किये जाने, आत्महत्या के मामले की न्यायालय में सुनवाई शुरु किये जाने और आगे की जांच सीओ स्तर के पुलिस अधिकारी से कराने की मांग की है.


उन्होंने कहा कि लाँक डाउन के कारण शुरु से हम सड़को पर उतरने का आवाह्नन नहीं कर सके. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया है.

समाज की भी कोई जिम्मेदारी बनती है, हम सब इसके खिलाफ खड़े रहेंगे, तो समाज में इस रेप, हत्या प्रवृत्ति के लोगो को समाज का डर पैदा होगा. समाज साथ नहीं आया तो बेटी की आत्मा यही समझेगी कि यहां भी लोग नर पिचाश के साथ ही थे.


उन्होंने बताया कि हल्द्वानी अस्पताल में अंतिम सांस लेते हुए बालिका बोल रही थी कि उस पापी को फांसी मिलनी चाहिए.