अंकिता भंडारी प्रकरण पर भाजपा नेत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री विजया बड़थ्वाल ने की CBI जांच की मांग

देहरादून: उत्तराखंड की पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री विजया बड़थ्वाल ने अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर CBI जांच की मांग…

BJP leader and former cabinet minister Vijaya Barthwal demands CBI investigation on Ankita Bhandari case.

देहरादून: उत्तराखंड की पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री विजया बड़थ्वाल ने अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर CBI जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि हाल में सामने आए नए खुलासों के बाद इस प्रकरण की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराए जाने की जरूरत है।

सोशल मीडिया साइट फेसबुक में उन्होंने लिखा कि ” मुझे अंकिता भंडारी हत्या कांड के ताज़ा खुलासों से गहरा व्यथा और चिंता हुई है। यह अपराध महादेव की पवित्र भूमि में हुआ है जहाँ हमारी बेटियों को सुरक्षित और सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार है। ”


विजया बड़थ्वाल ने आगे लिखा कि ‘जहाँ एक ओर दोषियों को सजा दी गई है, वहीं नए आरोप और तथ्य ऐसा माहौल बना रहे हैं कि अब लोगों के मन में न्याय की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। न्याय होना ही काफी नहीं — न्याय होते हुए दिखना भी ज़रूरी है। अगर इस मामले में कुछ प्रश्न हैं, तो उन सभी प्रश्नों के जवाब एक निष्पक्ष जांच के ज़रिये मिलने चाहिए। ”

विजया बड़थ्वाल ने आगे लिखा कि ‘मैं दृढ़तापूर्वक मानती हूँ कि:
🔹 सीबीआई की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
🔹 किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से लागू हो।
🔹 हमारी बेटियों की सुरक्षा, प्रतिष्ठा और अस्मिता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हो।
हम राजनीति किसी भी पार्टी की हो, पर हमारे समाज में बेटियों की सम्मान और सुरक्षित जीवन का अधिकार सर्वोपरि है।”


विजया बड़थ्वाल भाजपा की उन प्रमुख महिला नेताओं में हैं जिन्होंने इस संवेदनशील मामले में खुलकर अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि अंकिता भंडारी प्रकरण ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है और जनता के मन में उठ रहे सवालों का जवाब पारदर्शी जांच के माध्यम से ही दिया जा सकता है।


गौरतलब है कि विजया बड़थ्वाल यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुकी हैं और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा संगठन में भी विभिन्न अहम दायित्व निभाए हैं।


उनकी इस मांग के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। अब यह देखने वाली बात होगी कि राज्य सरकार उनकी मांग को किस हद तक गंभीरता से लेती है और भाजपा हाईकमान इस पर क्या रुख अपनाता है।

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