अंकिता भंडारी हत्याकांड: ऑडियो-वीडियो दावों के बाद भाजपा पर बढ़ा दबाव, पार्टी के भीतर असंतोष

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में सामने आए नए ऑडियो-वीडियो दावों के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर राजनीतिक दबाव बढ़ता नजर आ…

ankita bhandari

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में सामने आए नए ऑडियो-वीडियो दावों के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर राजनीतिक दबाव बढ़ता नजर आ रहा है। इन दावों में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम का नाम सामने आने के बाद पार्टी के भीतर असहजता दिखाई दे रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता गौतम को जन्मदिन की बधाई देने से बचते नजर आए, जबकि सोशल मीडिया पर की गई कुछ बधाई पोस्ट्स को जनता की तीखी प्रतिक्रियाओं के बाद हटा लिया गया।


अंकिता भंडारी प्रकरण को लेकर पार्टी के रुख से असंतुष्ट होकर पौड़ी जनपद से जिला पंचायत सदस्य किरण शर्मा समेत कुछ नेताओं ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, पार्टी के भीतर से ही वरिष्ठ नेताओं अजेंद्र अजय और रविंद्र जुगरान द्वारा कथित तौर पर CBI जांच की मांग उठाए जाने की चर्चाएं हैं, जिससे आंतरिक असंतोष के संकेत मिल रहे हैं।इस मामले में सांसद त्रिवेंद्र रावत भी मुखर है।


ऑडियो-वीडियो दावों से बढ़ा विवाद
दिसंबर 2025 में यह मामला उस समय फिर सुर्खियों में आया, जब पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी उर्मिला सनावर ने एक ऑडियो और वीडियो सार्वजनिक कर गंभीर आरोप लगाए। उर्मिला ने दावा किया कि अंकिता भंडारी पर एक “वीआईपी” के लिए कथित तौर पर दबाव बनाया गया था और इनकार करने पर उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना की रात संबंधित रिसॉर्ट में दुष्यंत कुमार गौतम मौजूद थे।


हालांकि, दुष्यंत कुमार गौतम ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें “फर्जी” और “साजिश का हिस्सा” बताया है। उन्होंने कहा है कि यदि उनके खिलाफ कोई भी आरोप सिद्ध होता है, तो वे सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे। गौतम ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑडियो-वीडियो को हटाने की मांग करते हुए कानूनी कार्रवाई की बात भी कही।
भाजपा ने इन सामग्रियों को “फेक एविडेंस” बताते हुए राज्य सरकार से कार्रवाई की अपील की है। इस बीच, गृह सचिव को पत्र लिखे जाने की भी जानकारी सामने आई है।
विपक्ष का हमला
विपक्षी कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने दुष्यंत कुमार गौतम की गिरफ्तारी की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा यौन अपराधों के मामलों में प्रभावशाली लोगों को संरक्षण देती है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बेटी बचाओ की बात करने वाली पार्टी खुद ऐसे मामलों में कठघरे में खड़ी है।


उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी रिसॉर्ट पर बुलडोजर कार्रवाई को सबूत मिटाने की साजिश बताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।


पार्टी के भीतर इस्तीफे
भाजपा के अंदर भी असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने ऑडियो में अपना नाम आने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया।बीते कल पौड़ी की जिला पंचायत सदस्य किरन शर्मा और अल्मोड़ा छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष सहित भाजपा में कई पदो पर रहे चुके वरिष्ठ भाजपा नेता त्रिलोक लटवाल ने इसी मुद्दे पर सीबीआई जांच की मांग करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उर्मिला सनावर ने दावा किया है कि कुछ नेताओं के पास कथित ऑडियो-वीडियो मौजूद थे और सबूत नष्ट करने में भूमिका निभाई गई, हालांकि इन आरोपों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है।


पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या सितंबर 2022 में वनंत्रा रिसॉर्ट में हुई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। शुरुआत से ही मामले में किसी “वीआईपी” की संलिप्तता की चर्चाएं होती रही हैं। रिसॉर्ट पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भी तब व्यापक विवाद हुआ था।अब दिसंबर 2025 में सामने आए ऑडियो-वीडियो दावों ने एक बार फिर इस मामले को राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है। फिलहाल, पुलिस ने सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर के खिलाफ मामला दर्ज किया है,जबकि कथित वीआईपी के नाम पर पुलिस बचते नजर आ रही है।

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