वृंदावन के प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज इन दिनों अपने उपदेशों लेकर लगातार सुर्खियों में रहते हैं। लोग उनके बताए हुए उपदेश का पालन भी करते है। केली कुंज आश्रम में रहने वाले महाराज के प्रवचन सुनने रोज़ाना बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। कहा जाता है कि उनके प्रवचन जीवन की उलझनों को आसान बना देते हैं और मन को शांति देते हैं। नए साल 2026 से पहले उनकी एक रील सामने आई है, जिसमें उन्होंने बताया कि नए वर्ष पर क्या नहीं करना चाहिए और किस तरह के संकल्प लेने चाहिए।
महाराज ने बताया कि नया साल आते ही कई लोग शराब पीने, मांस खाने और ऊटपटांग पार्टी करने में लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जो नशे में धुत होकर सड़क पर पड़े रहते हैं और फिर कहते हैं हैप्पी न्यू ईयर। उनके मुताबिक, ये कैसी खुशी है? गलत आचरण और पाप कर्म मनुष्य के जीवन में दुख ही बढ़ाते हैं।
उन्होंने साफ कहा कि मदिरा पीना पाप माना गया है। शराब को राक्षसी स्वभाव भी कहा गया है। जो लोग बार-बार ऐसे कर्मों में लगे रहते हैं, उनका भविष्य अच्छा नहीं होता। महाराज के अनुसार, जब इंसान पाप कर्म नहीं छोड़ता, तो एक समय ऐसा आता है जब वह अकेला पड़ जाता है और उसकी दशा देखकर कोई पानी तक पूछने नहीं आता। ऐसे लोग अंत में वही सज़ा पाते हैं, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होती।
नए साल को सही शुरुआत देने की बात करते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा कि इंसान को इस मौके पर अच्छे संकल्प लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि नए साल में नशा छोड़ने का नियम लेना चाहिए। यह भी तय करना चाहिए कि अब गलत आदतों, शराब, मांस और हिंसा से दूरी बनानी है।
चोरी, छल और गंदे आचरण को छोड़कर सकारात्मक और साफ-सुथरी ज़िंदगी अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। महाराज के मुताबिक, यही नियम नए साल को सच में खुशियों वाला बनाते हैं।
