रुद्रप्रयाग: दिसंबर का महीना समाप्त होने को है, लेकिन अभी तक केदारनाथ धाम में बर्फ नहीं गिरी है। पिछले वर्षों में इसी समय तक धाम में 5 फीट से ज्यादा बर्फ रहती थी, लेकिन इस बार न केवल धाम, बल्कि आसपास की पहाड़ियाँ भी बर्फ से खाली नजर आ रही हैं।
केदारपुरी चारों ओर बर्फ से ढकी रहती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। धाम में ठंड काफी बढ़ गई है और निर्माण कार्य भी धीमे पड़ गए हैं। मजदूर धीरे-धीरे काम छोड़कर लौटने लगे हैं। तालाब जम गए हैं और पहले झरनों से बहता पानी अब सूखा दिखाई दे रहा है।
रात के समय तापमान माइनस 10 डिग्री तक पहुंच रहा है, जबकि सुबह धूप देर से निकल रही है। ऐसे में पाइपलाइन बिछाने और सीमेंट के काम करना मुश्किल हो गया है। धाम में इस समय लगभग 80 से 100 मजदूर ही काम कर रहे हैं। रामबाडा–केदारनाथ पुराने पैदल मार्ग पर भी काम जारी है, लेकिन ठंड की वजह से कई कार्य ठप हैं।
अधिशासी अभियंता राजविंद सिंह ने बताया कि बिना बर्फ के कोरी ठंड का असर ज्यादा महसूस हो रहा है, जिससे मजदूर नीचे लौटने लगे हैं।
पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली ने कहा कि बर्फ न गिरना चिंता का विषय है। हिमालय की यह स्थिति दिखाती है कि अंधाधुंध निर्माण और जलवायु बदलाव से गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। सरकार और पर्यावरण मंत्रालय को इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।
