दक्षिण कोरिया इस समय एक ऐसी सामाजिक मुश्किल से जूझ रहा है, जिसकी वजह किसी बीमारी या संकट में नहीं बल्कि लोगों की बदलती जीवनशैली में छुपी है। देश तरक्की की नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है, तकनीक और विकास के मामले में दुनिया का ध्यान खींच रहा है, लेकिन आम लोगों की निजी ज़िंदगी धीरे-धीरे खाली होती जा रही है। काम इतना बढ़ गया है कि रिश्तों, प्यार और परिवार के लिए समय निकालना कई लोगों के लिए चुनौती बन गया है।
सुबह जल्दी घर से निकलकर देर शाम तक दफ्तर की भागदौड़ में फंसे लोग जब घर लौटते हैं तो थकान इतनी ज्यादा होती है कि आराम के अलावा कुछ सोचने की इच्छा तक नहीं बचती। ऐसे माहौल में डेटिंग, शादी या बच्चों की जिम्मेदारी उठाना कई युवाओं को झंझट जैसा लगने लगा है। यही वजह है कि देश की जन्म दर लगातार गिरते-गिरते दुनिया में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। युवा पीढ़ी में शादी और बच्चों को लेकर उत्साह कम होता जा रहा है। महंगाई, करियर का दबाव और खुद की आज़ादी को प्राथमिकता देने की सोच ने पुराने पारिवारिक ढांचे को कमजोर कर दिया है।
स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि सरकार को अब खुद आगे आकर दखल देना पड़ रहा है।
सरकार दे रही आर्थिक मदद: सरकार का मानना है कि अगर युवाओं के आर्थिक बोझ को कम किया जाए, तो शायद वे रिश्ते बनाने और परिवार बढ़ाने की ओर फिर से कदम बढ़ाएं। इसी कारण कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें डेट पर जाने से लेकर शादी और बच्चों तक की जिम्मेदारियों में आर्थिक सहायता दी जा रही है।
सरकार ने डेटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अनोखी योजना शुरू की है, जिसके तहत अगर कोई युवक–युवती किसी के साथ डेट पर जाता है तो सरकार करीब 350 डॉलर यानी लगभग 31 हजार रुपये तक की मदद देती है। यह पैसा कपल अपनी मर्ज़ी से खाने-पिने, फिल्म देखने या किसी भी एक्टिविटी में खर्च कर सकता है। खास बात यह है कि अगर दोनों के माता-पिता भी इस मुलाकात में शामिल होते हैं, तो उनके खर्च के लिए अलग से सहायता दी जाती है।
शादी पर मिलेंगे करीब 25 लाख रुपये: यह सहायता सिर्फ डेटिंग तक सीमित नहीं है। अगर रिश्ता आगे बढ़कर शादी तक पहुंचता है, तो सरकार शादी के खर्च को हल्का करने के लिए लगभग 25 लाख रुपये तक की राशि देती है। इसका उद्देश्य यह है कि भारी खर्च के डर से कोई शादी का फैसला टाले नहीं और युवा बिना दबाव के अपनी नई जिंदगी शुरू कर सकें।
बच्चों की परवरिश में भी सरकार आगे :
शादी के बाद अगर कपल बच्चे पैदा करते हैं, तो सरकार बच्चों की परवरिश और शुरुआती शिक्षा में भी आर्थिक रूप से मदद करती है। कई योजनाओं में सरकार बच्चों की जिम्मेदारी का हिस्सा खुद उठाती है, ताकि माता-पिता पर पूरा बोझ न आए। सरकार का साफ कहना है कि जब आर्थिक डर खत्म होगा, तो लोग परिवार बढ़ाने के बारे में ज्यादा सकारात्मक सोचेंगे।
महंगाई बनी बड़ी समस्या: दक्षिण कोरिया में रहने का खर्च लगातार बढ़ रहा है। घर, शिक्षा, मेडिकल और बच्चों की देखभाल जैसी जरूरी चीजें काफी महंगी हो चुकी हैं। कई कपल चाहकर भी बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे क्योंकि वे पहले अपने करियर और आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना चाहते हैं। इसी वजह से रिश्ते और परिवार धीरे-धीरे लोगों की प्राथमिकताओं से पीछे होते जा रहे हैं।
