गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को भी दूर करे सरकार:: धीरेन्द्र कुमार पाठक

उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड जनपद अल्मोड़ा के सचिव धीरेन्द्र कुमार पाठक ने प्रेस को जारी बयान में मांग की है कि सरकार गोल्डन…

Screenshot 2025 1225 194629

उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड जनपद अल्मोड़ा के सचिव धीरेन्द्र कुमार पाठक ने प्रेस को जारी बयान में मांग की है कि सरकार गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को भी दूर करें। उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में गोल्डन कार्ड को शामिल नहीं किया जा रहा है उन्हें भी अनिवार्य रूप से शामिल कराया जाय ताकि वर्तमान में जिन अस्पतालों में गोल्डन कार्ड लागू नहीं हो रहा है वहां इलाज में होने वाले सम्पूर्ण खर्च गोल्डन कार्ड के तहत मिल सकें।


उन्होंने वर्तमान में जिन अस्पतालों में गोल्डन कार्ड नहीं चल रहा है वहां के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों का सम्पूर्ण भुगतान नहीं हो रहा है क्योंकि सरकारी दरों पर ही भुगतान की व्यवस्था है और चिकित्सा पर व्यय का 30-40 प्रतिशत धनराशि ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी के प्रतिहस्ताक्षर उपरांत मिल पाती है और लगभग 60 फीसदी धनराशि नहीं मिलती है यह अत्यंत खेदजनक स्थिति है।जबकि गोल्डन कार्ड के तहत अंशदान कटौती भी हो रही है।


सरकार अगर सभी अस्पतालों को गोल्डन कार्ड से आच्छादित नहीं करती है तो फिर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से प्रतिहस्ताक्षर की बाध्यता समाप्त करें और चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सम्पूर्ण धनराशि का भुगतान करना चाहिए।


गोल्डन कार्ड को सभी अस्पतालों में मान्य करने के साथ एक बार किसी भी अस्पताल में गोल्डन कार्ड दिखाने पर सम्पूर्ण व्यय का भुगतान गोल्डन कार्ड के तहत ही होना चाहिए और सम्बंधित बीमार कार्मिकों से किसी भी दशा में धनराशि वसूल नहीं करनी चाहिए। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के नाम पर आंशिक भुगतान अंशदान कटौती के बाद भी उचित नहीं है।


उन्होंने राज्य सरकार ने फिर से अंशदान दरों को संशोधित करने की बात कही है पुरानी दर या धनराशि के तहत 250 रुपये , 450, 650,1000 रूपये की कटौती स्थान पर धनराशि अब 425 रुपये, 400, 800, 1000 की बात कही जा रही।


सरकार को बकौल पाठक इसमें स्पष्ट प्रावधान कराना चाहिए कि कोई भी बीमार कार्मिक फिर अपनी जेब से धनराशि व्यय नहीं करेगा। चिकित्सा प्रतिपूर्ति का मज़ाक़ बनाया जाना ठीक नहीं है जो बातें धरातल पर नहीं उतरती उनका परीक्षण जरूरी है। धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि एक बार गोल्डन कार्ड दर्ज होने पर किसी भी दशा में कोई भी शुल्क नहीं लेना चाहिए।

Leave a Reply