मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में श्रीत्रियुगीनारायण की तर्ज पर राज्य के 25 नए स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। इन स्थलों में सभी मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए लघु उद्योगों को और ज्यादा बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में ग्राम में विकास एवं पलायन निवारण आयोग की दसवीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि पलायन की समस्या राज्य के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है लेकिन पिछले 4-5 वर्षों में यह रिवर्स पलायन को प्रोत्साहित करने की दिशा में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं।
मुख्यमंत्री का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के आजीविका के साधन बढ़ने के लिए अनेक योजना लागू की गई है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्यभर में प्रवासी पंचायतों का आयोजन किया जाए, जिनमें देश एवं विदेश में कार्यरत प्रवासियों को आमंत्रित किया जाए।
उन्हें राज्य सरकार की रिवर्स पलायन से जुड़ी पहलों की जानकारी दी जाए और उनके सुझाव भी प्राप्त किए जाएं।
आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अब रिवर्स पलायन का रुझान देखने को मिल रहा है।
अब तक लगभग 6282 व्यक्ति वापस अपने गांवों में लौटे हैं। इनमें देश के भीतर और विदेशों से लौटे लोग भी शामिल हैं। इसके परिणाम अच्छे आ रहे हैं।
