अल्मोड़ा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के नाम में बदलाव के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेसियों ने इसके खिलाफ केंद्र सरकार का पुतला फूंका।
इस मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी अल्मोड़ा के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भोज ने इसे भाजपा सरकार की संकीर्ण सोच बताते हुए कहा कि यह कदम महात्मा गांधी के विचारों और उनकी विरासत को कमजोर करने की मानसिकता को दर्शाता है।
जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह भोज ने कहा कि मनरेगा कोई साधारण सरकारी योजना नहीं, बल्कि देश के करोड़ों ग्रामीण गरीबों, मजदूरों और किसानों के लिए जीवनरेखा है। इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साथ-साथ सम्मान और आत्मनिर्भरता का रास्ता दिखाया है। मनरेगा का नाम सीधे तौर पर महात्मा गांधी के उस दर्शन से जुड़ा है, जिसमें समाज के अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाने की बात कही गई है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष भोज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कांग्रेस शासनकाल में शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम बदलकर अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। नाम बदलने से न तो बेरोजगारी खत्म होगी और न ही महंगाई, पलायन और ग्रामीण संकट जैसी गंभीर समस्याओं का समाधान होगा।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने केंद्र सरकार से मांग की कि नाम बदलने जैसे मुद्दों में समय गंवाने के बजाय मनरेगा के बजट में बढ़ोतरी की जाए, मजदूरों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए और काम के दिनों की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि ग्रामीण जनता को वास्तविक राहत मिल सके।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मनरेगा के नाम और उसकी मूल भावना की रक्षा के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेगी।पुतला दहन कार्यक्रम में कांग्रेस नगर अध्यक्ष तारा चंद्र जोशी, पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूरन रौतेला, संजय कठायत, आनंद सिंह बिष्ट, नारायण दत्त पाण्डेय, भैरव गोस्वामी, सुशील साह, गोविन्द लाल बल्टीयाल, दिनेश पिल्खवाल, संजय दुर्गापाल, अमर बिष्ट, निज़ाम कुरैशी, पूरन नाथ गोस्वामी, महेंद्र मेहता, रोहित रौतेला, संजीव कर्मयाल, दीपेश कांडपाल, अख्तर हुसैन, प्रवीण भोज, संदीप जंगपागी, पंकज कार्की, नवाज़ खान, हर्ष कनवाल, देव सिंह कनवाल और धनेश बिष्ट सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
