Experts warning on Silver: एक्सपर्ट ने निवेशकों को किया अलर्ट, जाने क्या ₹3 लाख प्रति किलो तक जाएगी चांदी?

चांदी की कीमतें एक बार फिर से रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गई है। एमसीएक्स पर इसका भाव 2 लाख प्रति किलो के ऊपर पहुंचने…

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चांदी की कीमतें एक बार फिर से रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गई है। एमसीएक्स पर इसका भाव 2 लाख प्रति किलो के ऊपर पहुंचने वाला है। वहीं अब एक्सपर्ट्स ने बताया है कि क्या चांदी 3 लाख रुपए प्रति किलो पहुंच सकती है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा तेजी पिछली बार जैसे सट्टेबाजी पर आधारित नहीं है बल्कि इसके पीछे इंडस्ट्रियल डिमांड ग्रीन एनर्जी सेक्टर का विस्तार और वैश्विक और निश्चितता है जिसकी वजह से बढ़त के बाद उतार-चढ़ाव का जोखिम बना रहेगा। इसलिए विशेषज्ञ निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं।


इस बार बाजार के जानकारों ने बताया कि मौजूदा तेजी पहले जैसे नहीं है। पहले इसकी कीमत सट्टेबाजी पर आधारित थे लेकिन अब बुनियादी कर्म को समर्थन मिल रहा है।


MMTC-PAMP के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO समीत गुहा के मुताबिक, चांदी की मौजूदा तेजी की सबसे बड़ी वजह औद्योगिक मांग है। अब चांदी सिर्फ गहनों के लिए ही नहीं रह गई है बल्कि मोबाइल फोन इलेक्ट्रॉनिक सोलर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहनों में भी इसकी मांग लगातार बढ़ रही है भारत में भी निवेशक चांदी को एक उपयोगी निवेश धातु के तौर पर देख रहे हैं।


समीत गुहा का कहना है कि पिछली बार कीमतें अनुमान और मुनाफावसूली के भरोसे बढ़ी थीं, जबकि इस बार बाजार में फैक्ट्रियों और निवेशकों—दोनों की ओर से खरीदारी दिख रही है। सीमित सप्लाई और मजबूत मांग के चलते कीमतों में तेजी बनी हुई है।


बताया जा रहा है कि सोने में तेजी के बाद चांदी में भी लगातार उछाल आ रहा है चांदी में बड़े निवेशकों की भागीदारी सीमित है और उधार देने की भी सुविधा कम है। लंदन में चांदी के स्टॉक काटने से बाजार में सप्लाई पर दबाव बड़ा है जिससे कीमत बढ़ गई है। उन्होंने यह भी बताया कि अक्टूबर में तेज उछाल के बाद चांदी करीब 11% टूट गई है जबकि सोने में भी गिरावट आई थी।


रामास्वामी के मुताबिक, चांदी की सप्लाई सीमित है और अमेरिका ने इसे ‘क्रिटिकल मिनरल’ की सूची में शामिल किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा सेंटर्स में इसके बढ़ते इस्तेमाल से मांग मजबूत बनी हुई है।


रामास्वामी का अनुमान है कि मौजूदा हालात बने रहने पर चांदी $100 प्रति औंस यानी करीब ₹3 लाख प्रति किलो तक जा सकती है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि तेज उछाल के बाद करेक्शन का जोखिम हमेशा बना रहता है। मांग और सप्लाई के संतुलन का स्तर ‘पीक सिल्वर’ का संकेत दे सकता है।


वहीं, समीत गुहा का मानना है कि अगले एक साल तक चांदी की कीमतें स्थिर दायरे में रह सकती हैं। औद्योगिक मांग, निवेशकों की दिलचस्पी और वैश्विक अनिश्चितता कीमतों को सहारा देती रहेंगी।