इस वर्ष यानी 2025 में दुनिया भर की कई टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की छटनी करी है। जिसमें करीब 120,000 से अधिक लोगों की जॉब छूट गई।
कंपनियां अपने खर्च में कटौती, कामकाज के पैटर्न की रीस्ट्रक्चरिंग और ए आई को लेकर किए जा रहे बदलावों पर फोकस करने के लेकर अपने कई कर्मचारियों को हटा दिया है। चिप बनाने वाली कंपनियों से लेकर IT सर्विस फर्म और क्लाउड व टेलीकॉम कंपनियों तक कई अलग-अलग सेक्टर्स में रोल कम किए गए।
इसमें सबसे अधिक इंटेल ने अपने यहां से कर्मचारियों को हटाया है। सेमीकंडक्टर कंपनी इंटेल ने अपने खर्च पर कम करने और फाउंड्री-फोकस्ड बिजनेस मॉडल को बदलने को लेकर करीब 24,000 लोगों को नौकरी से हटा दिया है।
जिसके बाद दूसरे नंबर पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज है, जिसने लगभग 20,000 लोगों की छटनी की है। इसके लिए स्किल में कमी और AI-बेस्ड डिलीवरी मॉडल को ज्यादा अपनाए जाने को कारण सामने आया है। इन दो कंपनियों ने इस वर्ष सबसे अधिक कर्मचारियों की छटनी की है। वहीं वेरिजॉन ने भी लागत कम करने के लिए अपने ऑपरेशंस को रीस्ट्रक्चर करते हुए लगभग 15,000 रोल खत्म कर दिए।
इसके अलावा अमेजन का नाम भी छंटनी में सामने आया है। इस वर्ष अमेजन ने करीब 14000 मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेटिव रोल्स खत्म कर अपने वर्कफोर्स को छोटा किया। डेल टेक्नोलॉजीज ने भी अपने टोटल वर्कफोर्स से करीब 12,000 लोग कम कर दिए। कंपनी ने कास्ट मैनेजमेंट पर फोकस करते हुए AI-ऑप्टिमाइज्ड हार्डवेयर और एंटरप्राइज सर्विसेज का रूख किया।
एक्सेंचर और SAP ने भी बड़े पैमाने पर छंटनी की। क्लाइंट्स की डिमांड जेनरेटिव AI प्रोजेक्ट्स की ओर शिफ्ट होने के चलते एक्सेंचर ने कंपनी में लगभग 11,000 स्टाफ की कमी की। SAP ने क्लाउड कंप्यूटिंग और बिजनेस AI के अपने रिर्सोसेज को मैनेज करने के लिए 10,000 रोल्स खत्म कर दिए।
माइक्रोसॉफ्ट ने गेमिंग और Azure सहित कई डिवीजनों में लगभग 9,000 लोगों को काम से निकाला साथ ही लॉन्ग-टर्म AI इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट को प्राथमिकता दी। तोशिबा ने प्राइवेटाइजेशन के बाद रीस्ट्रक्चरिंग के चलते 5,000 नौकरियां कम कीं, जबकि सिस्को ने साइबर सिक्योरिटी और AI डेवलपमेंट पर खर्च को रीडायरेक्ट करते हुए 4,250 कर्मचारियों की छंटनी के साथ टॉप टेन में जगह बनाई।
