प्रदेश में अगले साल चार धाम यात्रा से पहले केदारनाथ हेली सेवा के लिए नए से टेंडर आमंत्रित किया जा रहे हैं। इसका कारण यह है की हेली कंपनियों ने वर्ष 2023 में किया गया करार अगले वर्ष यात्रा शुरू होने से पहले ही समाप्त हो जाएगा। ऐसे में यात्रा को सही ढंग से संचालित करने के लिए नए सिरे से हेली कंपनियों का चयन किया जा रहा है।
बताया जा रहा है की हेली सेवा के लिए सुरक्षा के मानक कड़े रखे जाएंगे। इसके साथ ही यात्रियों की संख्या भी आमंत्रित की जा सकती है। ऐसे में यात्रा का किराया थोड़ा महंगा हो सकता है।
प्रदेश में हर वर्ष केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं का संचालन किया जाता है। इस वर्ष हेली सेवा के जरिये 1.40 लाख से अधिक यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए।
इससे हेली कंपनियों ने 56 करोड़ से अधिक का कारोबार भी किया यद्यपि हेली सेवा संचालन, टिकट बुकिंग प्रणाली, उड़ानों की संख्या और सुरक्षा मानकों को लेकर कई शिकायतें भी सामने आईं।
हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं भी हुई दो हेली कंपनियां निलंबित भी हो गई। यही कारण है कि जब सितंबर में दूसरे चरण में हेली सभा शुरू हुई तो उसे काफी नियंत्रित रखा गया। हेली सेवा के किराए में 49% की वृद्धि भी की गई है।
इस वर्ष यात्रा समाप्त हो चुकी है और अब यूकाडा (उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण) सभी हेली कंपनियों से तीन वर्ष का करार समाप्त होने के बाद नए सिरे से हेली सेवाओं का संचालन करने की तैयारी में जुटा हुआ है।
यूकाडा ने इस वर्ष हुई हेली दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए अब सुरक्षित हेली सेवाओं पर फोकस किया है। डीजीसीए की ओर से सितंबर में ही हेली सेवाओं को लेकर सख्त नियम जारी किए गए थे। अब इन नियमों के अनुसार ही हेली सेवाएं संचालित होनी हैं।
इसी आधार पर यूकाडा इस समय टेंडर के दस्तावेज भी तैयार कर रहा है। इसमें हेलीकॉप्टरों की तकनीकी स्थिति, पायलटो का अनुभव, आपातकालीन व्यवस्था और मौसम से निपटने जैसी सारी तैयारियां की गई हैं।
साथ ही उड़ानों की संख्या और समय-सारिणी को अधिक व्यवस्थित करने पर भी जोर दिया जा सकता है। हेली सेवाओं की निगरानी को मजबूत तंत्र भी बनाया जाएगा। सीईओ यूकाडा आशीष चौहान का कहना है कि अब कंपनियों से करार समाप्त हो चुका है ऐसे में अगले वर्ष हेली सेवाओं के संचालन को नए सिरे से टेंडर आमंत्रित करने की तैयारी है।
