World AIDS Day 2025 : जानिए आखिर क्यों मनाया जाता है 1 दिसंबर को वर्ल्ड ऐड्स डे?

दुनिया भर में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा है। वर्ल्ड ऐड्स डे 2025 को मनाने के पीछे लोगों के बीच ऐड्स…

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दुनिया भर में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा है। वर्ल्ड ऐड्स डे 2025 को मनाने के पीछे लोगों के बीच ऐड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, एचआईवी से संबंधित बीमारियों से मरने वालों को याद करने और एचआईवी एड्स के साथ रहने वाले लोगों का समर्थन करना है।


आपको बता दे कि विश्व एड्स दिवस एक विश्व व्यापी कार्यक्रम है, जो पिछले 37 सालों से हर साल 1 दिसंबर को मनाया जा रहा है। आईए जानते हैं इसके पीछे का पूरा इतिहास


क्या है एड्स रोग
आपको बता दे कि एड्स एक लाइलाज बीमारी है जिसे सिर्फ जागरूक रहकर ही बचा जा सकता है। HIV यानी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस रेट्रोवायरस परिवार का एक हिस्सा है, जो लेन्टिवायरस है। यह इंफेक्शन समय बढ़ाने के साथ एड्स बन जाता है।

यह वाइरस इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है और शरीर में मौजूद cd4 सेल्स को खत्म करता है ऐसे में लोगों के बीच ऐड को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड ऐड्स डे मनाया जाता है।


विश्व एड्स दिवस का इतिहास –
विश्व एड्स दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1987 में की गई थी। सबसे पहले WHO के पब्लिक इनफार्मेशन ऑफिसर, जेम्स डब्ल्यू. बन और थॉमस नेटर ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की। बता दें कि पहली बार विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर 1988 को मनाया गया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य HIV/AIDS के बारे में जागरूकता फैलाना, जानकारी शेयर करना और इंफेक्शन से पीड़ित मरीजों को सपोर्ट करना था।

साल 1996 तक WHO ही इस दिन को मनाता था, लेकिन उसके बाद UNAIDS (संयुक्त राष्ट्र HIV/एड्स कार्यक्रम) ने इस दिन को मनाने का फैसला किया। जिसके बाद 1997 में UNAIDS ने विश्व एड्स अभियान (World AIDS Campaign, WAC) की शुरुआत की और 1988 से लेकर आज तक विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाए जाने लगा।


एड्स डे का महत्व क्या है ?
एचआईवी संक्रमण एकल इलाज बीमारी है ऐसे में एड्स जागरूकता दिवस मनाने के पीछे लोगों को जागरूक करने ही एकमात्र उद्देश्य है जो इसके कारणो, प्रभावों के बारे में नहीं जानते हैं उन्हें इसके प्रति जागरूक करना जरूरी है।


एड्स डे पर साल का थीम क्या है?
एड्स डे को मनाने के लिए हर साल एक नई थीम रखी जाती है। इस साल एड्स डे का थीम है ‘Overcoming disruption, transforming the AIDS response’ जिसका मतलब यह है कि ‘बाधाओं पर विजय, एड्स प्रतिक्रिया में परिवर्तन’। यह थीम साल 2030 तक एड्स को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए निरंतर राजनीतिक नेतृत्व, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और मानवाधिकार-केंद्रित दृष्टिकोणों का आह्वान करता है।