उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार की सुबह लोग रोज़ की तरह अपने काम में लगे थे, इसी बीच करीब 10.27 बजे अचानक जमीन हल्का कांपती महसूस हुई। कुछ सेकंड के लिए आए इन झटकों ने लोगों को चौंका दिया। जिले के कई हिस्सों में लोगों ने कंपन महसूस किया और एहतियातन कुछ लोग घरों से बाहर भी निकल आए। राहत की बात यह रही कि कहीं भी नुकसान की खबर नहीं मिली।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 3.7 रही, जबकि गहराई पांच किलोमीटर मापी गई। झटकों का केंद्र गोपेश्वर और जोशीमठ के बीच माना गया है। दिलचस्प बात यह है कि चमोली में एक माह पहले भी इसी तरह के हल्के झटके दर्ज किए गए थे।
विशेषज्ञ लगातार कहते आए हैं कि पूरा उत्तराखंड हाई सिस्मिक जोन में आता है। हिमालयी क्षेत्र भूगर्भीय गतिविधियों के लिहाज से बेहद नाजुक माना जाता है। यही वजह है कि इस हिस्से में बड़े भूकंप की आशंका हमेशा बनी रहती है। पहाड़ों के नीचे इंडियन प्लेट उत्तर की ओर बढ़ रही है, जबकि यूरेशियन प्लेट दक्षिण की दिशा में खिसक रही है। दोनों प्लेटों के टकराव और घर्षण से धरती के भीतर लगातार ऊर्जा जमा होती रहती है। जब यह दबाव चट्टानें सहन नहीं कर पातीं तो अचानक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और धरती हिलने लगती है।
इसी भूगर्भीय हलचल के चलते उत्तराखंड में अक्सर हल्के झटके महसूस होते रहते हैं और यही वजह है कि विशेषज्ञ लोगों को हमेशा सतर्क रहने की सलाह देते हैं। हालांकि इस बार कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से प्रशासन और स्थानीय लोग दोनों हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
