दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नेशनल हेराल्ड मामले में एक नई प्राथमिकी दर्ज कर दी है। इस शिकायत में सोनिया गांधी , राहुल गांधी सहित आठ लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। यह कार्रवाई तब हुई जब प्रवर्तन निदेशालय ने तीन अक्टूबर को आर्थिक अपराध शाखा को लिखित शिकायत भेजी थी। उसी शिकायत को आधार बनाकर यह मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि द एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड की जो भी जमीन जायदाद थी , उसे हासिल करने के लिए एक पूरी चाल चली गई। जिन कंपनियों को इस आरोप में जोड़ा गया है , उनमें एजेएल , युवा भारत लिमिटेड और डोटेक्स नाम की इकाई का नाम शामिल है। जांच करने वाले अधिकारियों का कहना है कि डोटेक्स असली कामकाज वाली इकाई नहीं थी , यह कोलकाता में दर्ज थी और इसने युवा भारत को एक करोड़ रुपये दिए थे।
इस विवाद की जड़ बहुत पीछे जाती है। मामला 1937 और 1938 के समय से शुरू होता है , जब द एसोसिएटेड जर्नल नाम की संस्था बनाई गई थी। इसके शुरुआती हिस्सेदारों में जवाहरलाल नेहरू भी थे और बाकी हिस्से कांग्रेस से जुड़े लगभग पाँच हजार लोगों के पास थे।
यह संस्था तीन अखबार निकालती थी। एक अंग्रेज़ी में नेशनल हेराल्ड , एक हिंदी में नवजीवन और एक उर्दू में कौमी आवाज। संस्था का कहना था कि लगातार घाटा बढ़ने से 2008 में इन तीनों अखबारों का छपना बंद कर दिया गया। उस समय संस्था पर लगभग नब्बे करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ गया था। यह कर्ज उतारने के लिए एजेएल ने कांग्रेस से नब्बे करोड़ रुपये उधार लिए थे। पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि किसी राजनीतिक दल को किसी संस्था को इस तरह की रकम उधार देने का अधिकार ही नहीं है।
साल 2010 में , जब केंद्र में पिछले गठबंधन की सरकार थी , युवा भारत नाम की एक नई संस्था बनाई गई। इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की हिस्सेदारी सबसे ज़्यादा थी। बाकी हिस्सा मोतीलाल वोरा , ऑस्कर फर्नान्डिस और सुमन दुबे के पास था।
स्वामी का आरोप है कि युवा भारत ने एजेएल की पूरी जायदाद अपने कब्जे में कर ली। उनका कहना है कि 1938 से 2008 तक एजेएल ने जितनी भी इमारतें और ज़मीनें जुटाईं , उन सब पर युवा भारत का अधिकार कर दिया गया। यह भी आरोप है कि इतनी बड़ी जायदाद सिर्फ पचास लाख रुपये में युवा भारत के नाम कर दी गई। इस पूरे मामले की शिकायत स्वामी ने 2012 में की थी।
कांग्रेस का कहना है कि युवा भारत संस्था को किसी लाभ कमाने के लिए नहीं बनाया गया था , बल्कि दान और सामाजिक उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी।
