भारत में खाने का तौर-तरीका तेजी से बदल रहा है, और इसकी वजह हैं फूड डिलीवरी ऐप्स जिनकी पहुंच अब हर शहर तक फैल चुकी है। Swiggy और Kearney की How India Eats रिपोर्ट बताती है कि आने वाले सालों में ऑनलाइन फूड मार्केट 125 अरब डॉलर से भी ज्यादा का हो जाएगा, और यही वजह है कि भारतीयों की प्लेट में आज तरह-तरह के स्वाद दिखाई दे रहे हैं।
रिपोर्ट में सबसे दिलचस्प बात यह सामने आई है कि लोग अब कोरियन और मैक्सिकन जैसे बाहर के पकवानों को उतनी ही आसानी से चुन रहे हैं, जितनी सहजता से वे अपने राज्य के पुराने व्यंजनों को फिर से खोजना चाहते हैं। गोवा के मसालेदार कॉम्बिनेशन हों, बिहार की मिट्टी की खुशबू लिए घरैलू डिशें हों, या पहाड़ों के देसी जायके हों, इन सबकी तरफ रुझान पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा है।
यह बदलाव सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, छोटे कस्बों में भी वही क्रेज दिखाई देता है। डिजिटल प्लेटफॉर्म की वजह से खाना अब एक क्लिक की दूरी पर है, और यही वजह है कि लोग देसी और विदेशी दोनों तरह के स्वाद आजमा कर देख रहे हैं।
रिपोर्ट के हिसाब से पिछले कुछ सालों में विदेशी खाने की मांग कई गुना बढ़ गई है। कोरियन डिशों के ऑर्डर तेज रफ्तार से बढ़े हैं, वियतनामी और मैक्सिकन व्यंजनों ने भी अच्छी खासी जगह बनाई है, और सुशी हो या टाको अब इन्हें लोग किसी खास मौके की चीज़ नहीं समझते, बल्कि हफ्ते के बीच में भी आसानी से मंगा लेते हैं।
दूसरी तरफ देसी खान-पान की चाह भी कम नहीं हुई है। गोवा, बिहार और पहाड़ की रसोई से जुड़ी डिशें पहले से ज्यादा पसंद की जा रही हैं, और छाछ-सिकंजी जैसे पुराने पेय भी फिर से लोगों की पसंद में लौट आए हैं। चाय की डिमांड भी लगातार ऊपर जा रही है, और जानकारों का मानना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने इन पारंपरिक स्वादों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
आज हालात यह हैं कि भारतीय खाने के मामले में एक ही रास्ता नहीं चुनते। कभी कोरियन बिबिम्बाप मंगा लेते हैं, तो दूसरे ही दिन लिट्टी चोखा की खुशबू ढूंढ लेते हैं। दोनों तरह के स्वाद साथ-साथ चलते दिखते हैं, और यही अंदाज भारत के खाने की दुनिया को नई दिशा दे रहा है।
फूड डिलीवरी ने दिखा दिया है कि सिर्फ कुछ क्लिक में लोग दुनिया भर का स्वाद अपने घर में पा सकते हैं, और यही वजह है कि भारतीय खाने की दुनिया पहले से कहीं ज्यादा रंगीन और ज्यादा विविध हो चुकी है।
