पिथौरागढ़ में खाद्य सुरक्षा विभाग की लंबी चली जांच आखिर नतीजे पर पहुंच गई है, जहां बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के घी के नमूने गुणवत्ता की कसौटी पर कमजोर साबित हुए हैं, इस मामले में कंपनी समेत तीन कारोबारियों पर कुल 1 लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना ठोका गया है, ये जानकारी खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन पिथौरागढ़ के असिस्टेंट कमिश्नर आरके शर्मा ने दी है, घी का ये सैंपल साल 2020 में लिया गया था और करीब पांच साल बाद गुरुवार 27 नवंबर 2025 को फैसले की घोषणा हुई।
असिस्टेंट कमिश्नर आरके शर्मा के अनुसार कासनी क्षेत्र में रूटीन चेकिंग के दौरान 20 अक्टूबर 2020 को करन जनरल स्टोर से पतंजलि गाय के घी का नमूना उठाया गया था, नमूने को सबसे पहले राज्य सरकार की रुद्रपुर लैब में जांच के लिए भेजा गया और वहां रिपोर्ट में घी मानक से नीचे निकला, बाद में इस रिपोर्ट के बारे में पतंजलि के अधिकारियों को 2021 में अवगत कराया गया लेकिन लंबे समय तक कंपनी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया, काफी बाद में 15 अक्टूबर 2021 को दोबारा जांच की मांग रखते हुए नमूने को राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला गाजियाबाद भेजने की अपील की गई और इसके लिए कंपनी की तरफ से तय फीस भी जमा कराई गई।
अगले ही दिन अधिकारियों की टीम गाजियाबाद पहुंची और राष्ट्रीय स्तर की लैब में फिर से जांच करवाई, 26 नवंबर 2021 को आई रिपोर्ट में भी घी गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा, इसके बाद रिपोर्ट की विस्तृत जांच दो महीने तक की गई और 17 फरवरी 2022 को मामला कोर्ट में पेश किया गया, इस दौरान पतंजलि को नोटिस भी जारी किया गया था।
मामले की सुनवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने न्याय निर्णायक अधिकारी और अपर जिलाधिकारी पिथौरागढ़ योगेंद्र सिंह की अदालत में सारे सबूत पेश किए, करीब 1348 दिन की प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर एक लाख रुपये, ब्रह्म एजेंसी पर 25 हजार रुपये और करन जनरल स्टोर पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, साथ ही सभी को साफ चेतावनी दी गई है कि भविष्य में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाए।
