हरिद्वार में तैयार होगी राज्य की पहली हेलीपैड वाली बिल्डिंग, छत से उड़ान भर सकेंगे हेलीकॉप्टर

हरिद्वार में 2027 अर्द्धकुंभ से पहले तैयारियां तेजी पकड़ चुकी हैं और इन्हीं तैयारियों के बीच सीसीआर टॉवर के विस्तार का बड़ा काम शुरू होने…

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हरिद्वार में 2027 अर्द्धकुंभ से पहले तैयारियां तेजी पकड़ चुकी हैं और इन्हीं तैयारियों के बीच सीसीआर टॉवर के विस्तार का बड़ा काम शुरू होने जा रहा है। रोड़ीबेलवाला मैदान में पुराने टॉवर के बिल्कुल पास एक नई अत्याधुनिक बिल्डिंग खड़ी की जाएगी, जिसकी खासियत यह होगी कि उसकी छत पर ऐसा हेलीपैड बनेगा जहां हेलीकॉप्टर आसानी से उतर भी सकेंगे और उड़ान भी भर पाएंगे। उत्तराखंड में यह पहली सरकारी इमारत होगी जिसकी छत पर इस तरह की आधुनिक सुविधा तैयार की जा रही है। करीब 30 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को हाई पावर कमेटी से मंजूरी मिल चुकी है और बुधवार को यूकाडा की टीम ने हेलीकॉप्टर से पूरे इलाके का सर्वे कर हालात का अध्ययन भी किया।

मेला प्रशासन की मानें तो नई बिल्डिंग चार मंजिलों की होगी और इसमें मेला प्रबंधन की तकनीकी, सुरक्षा और कम्युनिकेशन से जुड़ी सभी यूनिटों को शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। हेलीपैड इसी बिल्डिंग की छत पर बनाया जाएगा और इसकी वजह से हेलीकॉप्टर सीधे सीसीआर टॉवर तक पहुंच सकेंगे, जिससे शहर की सड़कों पर लगने वाले जाम से खासी राहत मिलेगी, खासकर मेले के दौरान जब ट्रैफिक बढ़ जाता है।

यह हेलीपैड सिर्फ वीआईपी मूवमेंट के लिए ही नहीं बल्कि मेडिकल इमरजेंसी और रेस्क्यू ऑपरेशन में भी अहम भूमिका निभाएगा। किसी भी बड़े हादसे या आपदा की स्थिति में मरीजों को तुरंत एयरलिफ्ट कर देहरादून या अन्य बड़े अस्पतालों में भेजा जा सकेगा, जिससे आपातकालीन सेवाओं को काफी मजबूती मिलेगी।

अपर कुंभ मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि नई बिल्डिंग के स्ट्रक्चर, सुरक्षा इंतजाम और हेलीपैड तक जाने वाले मार्गों की बारीकी से जांच की गई है। यूकाडा टीम ने छत पर उतरने और उड़ान भरने की तकनीकी संभावनाओं को परखा है और आसमान में हवाई मार्गों का भी परीक्षण किया गया है, ताकि भविष्य में संचालन में किसी तरह की रुकावट न आए।

हरिद्वार में फिलहाल कोई भी सरकारी हेलीपैड उपलब्ध नहीं है। गुरुकुल और भेल के हेलीपैड पर ही वीआईपी हेलीकॉप्टर उतरते हैं, जबकि भल्ला कॉलेज का हेलीपैड अब क्रिकेट स्टेडियम में बदल चुका है। ऐसे में नई बिल्डिंग का यह हेलीपैड न सिर्फ प्रशासन की जरूरत पूरी करेगा बल्कि बड़े नेताओं और इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी बड़ा सहारा साबित होगा। बुधवार को पूरे दिन आसमान में हेलीकॉप्टरों की आवाज गूंजती रही, जो इस परियोजना की तेजी से आगे बढ़ती तैयारी का संकेत दे रही थी।