ताई पो के ऊंचे टावरों में उठी आग की लपटों ने ली 13 जिंदगियां, रातभर चीखों और अफरातफरी में डूबा हांगकांग

हांगकांग के ताई पो इलाके में बुधवार को एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। दोपहर के वक्त एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स…

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हांगकांग के ताई पो इलाके में बुधवार को एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। दोपहर के वक्त एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में उठी आग कुछ ही मिनटों में कई इमारतों तक फैल गई और शाम तक हालात इतने बेकाबू हो गए कि प्रशासन को इसे सबसे गंभीर श्रेणी यानी स्तर-5 की स्थिति घोषित करनी पड़ी। तेज लपटों और घुटन भरे धुएं के बीच 13 लोगों की जान चली गई। बड़ी संख्या में बुजुर्ग भी इस घटना की चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि कई लोग अपने घरों से बाहर निकलने की हालत में नहीं थे।

आग लगने की शुरुआत एक टावर के निचले हिस्से से हुई और थोड़े समय में पांच से ज्यादा इमारतें आग की लपटों में घिर गईं। ऊपर की मंजिलों से धुआं उठता देख आसपास के लोग डर से नीचे भागने लगे, लेकिन हर किसी को निकलने का मौका नहीं मिला। शाम होते-होते आग का फैलाव इतना तेज हो गया कि धुआं पूरी इमारतों में भर गया और दमकलकर्मियों को अंदर पहुंचने में काफी दिक्कतें आईं। बचाव टीम ने हालात बिगड़ते देख तुरंत आसपास की इमारतों को खाली कराने का फैसला लिया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू किया।

ताई पो जिला परिषद के सदस्य लो हिउ फंग ने बताया कि जिन लोगों को बाहर निकलने में सबसे ज्यादा मुश्किल हुई, उनमें अधिकतर बुजुर्ग थे। कई लोग धुएं की वजह से बेहोश पाए गए। नौ लोगों की मौत घटना स्थल पर ही हो गई, जबकि चार गंभीर रूप से घायल लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। डॉक्टरों और बचावकर्मियों ने पूरी रात लगातार काम किया ताकि किसी की जान और न जाए।

करीब 700 लोगों को सुरक्षित निकालकर अलग-अलग सामुदायिक केंद्रों में पहुंचाया गया, जहां उनके रहने और खाने की व्यवस्था तुरंत की गई। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती किया गया है और प्रशासन मृतकों की पहचान की प्रक्रिया में जुटा है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए पूरे इलाके में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।

इस आग ने एक और बहस को जन्म दे दिया है। हांगकांग में वर्षों से इमारतों की मरम्मत और निर्माण में बांस के मचान लगाए जाते हैं, लेकिन इस बार आग लगने के बाद इनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सरकार पहले ही इन्हें सार्वजनिक कार्यों से हटाने की योजना का संकेत दे चुकी है और अब माना जा रहा है कि इस दिशा में फैसले और तेज होंगे।