नई दिल्ली में संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के नाम एक पत्र भेजकर उन्हें अपने संवैधानिक कर्तव्यों को याद रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नागरिक अगर अपने अधिकारों के साथ अपने फर्ज को भी जिम्मेदारी से निभाएं तो लोकतंत्र और मजबूत होता है। पीएम मोदी ने खास तौर पर वोट देने की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि हर नागरिक को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करके देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि स्कूल और कॉलेज अपने यहां पहली बार वोट देने वाले युवाओं को सम्मान देकर संविधान दिवस मनाएं। उनके मुताबिक यह मौका इसलिए भी खास है क्योंकि इस साल सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। वंदे मातरम के 150 साल पूरे हो रहे हैं और श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत की वर्षगांठ भी इसी समय पड़ रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस सदी की शुरुआत के पच्चीस साल बीत चुके हैं और आने वाले दो दशकों में देश आजादी के सौ साल पूरे कर लेगा। उन्होंने लिखा कि 2049 में भारत का संविधान भी सौ साल का हो जाएगा। उनका कहना है कि आज लिए जा रहे फैसले और आज बनाई जा रही नीतियां आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तय करेंगी। इसलिए नागरिकों को चाहिए कि वे सबसे पहले अपने कर्तव्यों को ध्यान में रखें। देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है और ऐसे समय में जिम्मेदारी और अनुशासन सबसे अहम हो जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर भी पोस्ट कर कहा कि हमारा संविधान सम्मान बराबरी और आजादी को सबसे ज्यादा महत्व देता है। यह हमें अधिकार देता है लेकिन साथ ही हमें यह भी याद दिलाता है कि नागरिक होने के नाते हमारे कुछ फर्ज हैं जिन्हें निभाना बेहद जरूरी है। उन्होंने लिखा कि यही कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की बुनियाद बनते हैं। इस दौरान उन्होंने संविधान के निर्माण में योगदान देने वाले सभी लोगों को नमन किया और कहा कि उनका विजन देश को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता रहता है।
