उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आ रही है। यहां कलयुगी बेटों ने अपने ही मां के शव को घर में लाने से इनकार कर दिया और उसे फ्रीजर में रखने की बात कही। आपको बता दे की बेटू की इस बात को सुनकर पूरा गांव रोने लगा। ग्रामीणो ने उन बेटों को खूब कोसा और बताया कि कैसे उन बेटों ने अपने वृद्ध माता-पिता को आश्रम में जाने के लिए मजबूर किया था।
कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के भरोहिया ग्राम पंचायत में रहने वाले 68 साल के भुआल गुप्ता और उनकी पत्नी 65 साल की शोभा देवी के 6 बच्चे हैं। उन्होंने अपने बच्चों का पालन पोषण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी फिर बच्चे बड़े हो गए उन्होंने अपने माता-पिता को बहुत समझ ले और उन्हें घर छोड़कर जाने के लिए कहा।
गुस्से में पति-पत्नी घर छोड़कर चले गए और राजघाट नदी पर पहुंचे। आसपास के लोगों ने उन्हें कहा कि उन्हें मथुरा जाना चाहिए। दोनों पहले अयोध्या गए फिर मथुरा गये। कुछ वक्त बाद किसी ने उन्हें वृद्धा आश्रम का नंबर दिया।
जानकारी के मुताबिक, आश्रम चलाने वाले रवि चौबे ने उन्हें अपने वृद्धा आश्रम में बुला लिया, जिसके बाद वो दोनों वहीं रहने लगे। इसके बाद कभी भी उनके बेटों ने उनसे कोई मतलब नहीं रखा। हालांकि, दंपति अपने छोटे बेटे से कभी-कभी बात कर लेते थे।
बताया जा रहा है कि 19 नवंबर को शोभा देवी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने उन्हें शोभा देवी की दोनों किडनी खराब होने की बात बताई। इसके बाद रात में उन्होंने दुनिया से अलविदा कह दिया।
जब छोटे बेटे को मां की मौत के बारे में पता चला तो उसने कहा कि भाई से पूछकर बताता हूं। 10 मिनट बाद उसने वापस फोन करके कहा कि घर में भैया के लड़के की शादी है। लाश यहां आई तो अपशगुन होगा। लाश को फ्रीजर में रखवा दीजिए। हम 4 दिन बाद अंतिम संस्कार करेंगे।
ये बात सुनकर वृद्ध पिता को अपने कान पर यकीन नहीं हुआ। वो बिलख-बिलख कर रोने लगे। फिर इस बात की जानकारी बेटियों को लगी। उसके बाद उन्होंने शव को अपने पास लाने को कहा और फिर बेटियों ने ही शव को घाट तक पहुंचाया। इसके बाद लोगों की राय पर शव को तीनों बेटियों की मौजूदगी में दफनाया गया।
