आजकल कई लोग देर रात तक मोबाइल चलाने या काम निपटाने में इतने उलझ जाते हैं कि नींद छह घंटे से भी कम हो जाती है। शुरुआत में यह आदत मामूली थकान या चिड़चिड़ापन लगती है , लेकिन अंदर ही अंदर शरीर पर इसका असर गहराता जाता है। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल वैशाली के डॉ अजय कुमार गुप्ता बताते हैं कि नींद सिर्फ आराम का वक्त नहीं होती , यही वह समय है जब शरीर खुद को ठीक करता है , दिमाग से जमा कचरा साफ करता है और हार्मोन संतुलित करता है। जब रोजाना नींद पूरी नहीं होती , तो पूरा सिस्टम डगमगाने लगता है।
सबसे पहले इसका असर हार्मोन पर पड़ता है। तनाव से जुड़ा कोर्टिसोल लगातार बढ़ा हुआ रहता है , जिससे इंसान हर समय बेचैन और दबाव में महसूस करता है। इसी के साथ ब्लड प्रेशर , चिंता और भूख पर भी असर दिखता है। लगातार कम नींद इंसुलिन को भी बिगाड़ देती है , जिसकी वजह से समय के साथ शुगर की समस्या बढ़ सकती है।
दिल पर भी नींद की कमी भारी पड़ती है। रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग रोज कम सोते हैं , उनमें हाई ब्लड प्रेशर , दिल की धड़कन बिगड़ना और हार्ट अटैक जैसी दिक्कतें ज्यादा दिखती हैं। नींद न पूरी होने से नसों में सूजन बढ़ती है और दिल पर लगातार भार पड़ता है। जिन लोगों को पहले से हार्ट की समस्या होती है , उनके लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है।
इम्युनिटी भी कम नींद की वजह से कमजोर पड़ती है। गहरी नींद में शरीर ऐसे प्रोटीन बनाता है जो इंफेक्शन से लड़ते हैं , लेकिन नींद घटते ही यह क्षमता कम होती जाती है। इसके चलते बार बार बीमार होना , चोट या इंफेक्शन का देर से ठीक होना जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। लंबे समय में शरीर में सूजन बढ़ जाती है और मोटापा व मेटाबॉलिक दिक्कतें जन्म लेती हैं।
कम नींद का असर दिमाग पर सबसे जल्दी दिखता है। एक रात की खराब नींद भी ध्यान , फैसले लेने की क्षमता और प्रतिक्रिया कमजोर कर देती है। लंबे समय तक दिमाग से जमा कचरा साफ नहीं हो पाता , जिसमें बीटा एमिलॉइड भी शामिल है , जिसे अल्जाइमर से जोड़ा जाता है। इस वजह से दिमाग जल्दी बूढ़ा होने लगता है।
नींद कम होने से मूड भी संभालना मुश्किल हो जाता है। छोटी सी बात पर गुस्सा आना , भावनाएं काबू में न रहना और मीठा या तला हुआ खाना ज्यादा खाने का मन करना आम हो जाता है। भूख से जुड़े हार्मोन भी बिगड़ जाते हैं और वजन बढ़ने लगता है।
डॉक्टर बताते हैं कि नींद सुधारने के लिए बड़े बदलाव करने की जरूरत नहीं होती। बस रोज एक ही समय सोना और उठना , रात को मोबाइल कम देखना , कम रोशनी और शांत कमरा रखना और शाम के बाद कैफीन कम लेना काफी होता है। छह घंटे से कम नींद शरीर के हर हिस्से पर दबाव डालती है और धीरे धीरे सेहत को कमजोर कर देती है। अच्छी नींद ही वह चीज है जो शरीर को ऊर्जा देती है और लंबे समय तक स्वस्थ रखती है। इसलिए नींद को नजरअंदाज करना खुद के साथ सबसे बड़ी गलती है।
