नई दिल्ली में इंटरनेट चलाने वालों के लिए एक अहम चेतावनी सामने आई है। सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले वेब ब्राउजर गूगल क्रोम में ऐसी खामियां मिली हैं जो यूजर्स की जानकारी को खतरे में डाल सकती हैं। इन कमजोरियों का फायदा उठाकर अटैकर्स सिस्टम में दाखिल हो सकते हैं और डेटा तक पहुंच बना सकते हैं। इसी वजह से देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT In ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। एजेंसी का कहना है कि जो लोग क्रोम के पुराने वर्जन पर काम कर रहे हैं उनके लिए खतरा और ज्यादा बढ़ सकता है।
साइबर टीम का कहना है कि क्रोम में दो गंभीर कमियां मिली हैं। इन्हें CVE 2025 13223 और CVE 2025 13224 के तौर पर पहचान मिली है। तकनीकी टीम का कहना है कि यह गड़बड़ क्रोम के V8 इंजन में पैदा हुई है। यही इंजन जावास्क्रिप्ट और वेबअसेंबली को चलाता है। खामी आने पर ब्राउजर गलत तरीके से मेमोरी को छूने लगता है। इससे हैकर को अपना कोड सिस्टम में डालने का मौका मिल जाता है। इसके बाद वह कंप्यूटर में कोई भी खतरनाक सॉफ्टवेयर उतार सकता है।
गूगल की अपनी सुरक्षा टीम ने भी इसी खामी में से एक की पुष्टि की है। कंपनी ने बताया कि उसका थ्रेट एनालिसिस ग्रुप इसे बारह नवंबर को पकड़ चुका था। इस साल कई बार ऐसा हो चुका है जब हैकर किसी बग तक कंपनी से पहले पहुंच चुके हैं। खासतौर पर विंडोज और मैक के पुराने वर्जन इसके शिकार हो सकते हैं। लिनक्स पर भी वही स्थिति है।
कंपनी का कहना है कि वह लगातार क्रोम की सुरक्षा को मजबूत करने में लगी है और इस खामी का समाधान भी जारी कर दिया गया है। अपडेट सभी यूजर्स तक भेजा जा रहा है। किसी को भी अगर क्रोम में अपडेट का संकेत दिखाई दे तो उसे तुरंत लगा लेना चाहिए। साइबर हमलों से बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि फोन और कंप्यूटर में मौजूद ब्राउजर और दूसरी ऐप्स को समय समय पर अपडेट करते रहें।
