सिद्धार्थनगर में चालक 53 सीटर बस में 108 छात्र-छात्राओं को बिठाए हुए था। इसके बाद एआरटीओ ने वाहन चालक व वाहन स्वामी पर शिकंजा कसा है। 28 किलोमीटर पीछा करने के बाद यह दोनों पकड़ में आए। बस चालक शकील अहमद के लाइसेंस के निलंबित होने के लिए भी कहा गया है।
सरकार की सख्ती के बाद भी स्कूल बस के चालक अपने यहां के छात्र-छात्राओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शहर के सिविल लाइन स्थित लखनऊ रोड पर चेकिंग लगाए एआरटीओ बच्चों से खचाखच भरी टूरिस्ट बस को हाथ देकर रोकना चाहा, लेकिन चालक ने रफ्तार तेज कर दी।
एआरटीओ ने बस का पीछा किया और कर्नलगंज के समीप बस को घेर लिया। पता चला कि यह बस सिद्धार्थनगर के उर्मिला देवी शिक्षण संस्थान के लिए बच्चों को लेकर भ्रमण के लिए जा रही थी। बस में चालक समेत 53 लोगों के बैठने के लिए सीट थी,जिसमें 108 लोग सवार थे। छात्र-छात्राओं को आगे व शिक्षक बीच में बैठे मिले।
एआरटीओ ने कहा कि टूरिस्ट बस रामवृक्ष चतुर्वेदी के नाम पर रजिस्टर है जिस पर कार्रवाई के लिए एआरटीओ सिद्धार्थ नगर को पत्र लिखा गया। इसके साथ ही बस चला रहे शकील अहमद निवासी लोहिया नगर शाहपुर डुमरियागांव सिद्धार्थनगर का लाइसेंस भी निलंबित करने के लिए कहा गया है।
सिद्धार्थनगर ही नहीं जिले में भी स्कूल संचालक छात्र-छात्राओं के जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। कही क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर स्कूल पहुंचाया जा रहा है तो कहीं खटारा वाहनों में उनकी जिंदगी को खतरे में डाला जा रहा है।
यही नहीं परिवहन विभाग के आंकड़ों ही पर गौर करें तो जिले में पंजीकृत 750 स्कूली वाहनों में 150 वाहन अनफिट है यानी हर पांचवां स्कूली वाहन खटारा है, जो प्रतिदिन 50 से 60 बच्चों की जिंदगी को खतरे में डाल रहा है। इनकी फिटनेस के लिए वाहन स्वामियों को नोटिस दी गई है, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
एआरटीओ आरसी भारतीय ने बताया कि अनफिट स्कूली वाहनों के स्वामियों को दो बार नोटिस भेज चुके हैं लेकिन वे फिटनेस कराने नहीं आए। चेकिंग में उनके मिलते ही उन्हें सीज किया जाएगा।
