मेरठ में एक दो वर्षीय मासूम के साथ मेडिकल लापरवाही ने अब बड़े गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जागृति विहार एक्सटेंशन स्थित महपल हाइट्स में रहने वाले फाइनेंस प्रोफेशनल जसप्रिंदर सिंह के बेटे मनराज सिंह को घर में खेलते समय आंख के पास गहरी चोट लग गई।
परिजन तुरंत घबराकर भाग्यश्री को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां जो हुआ उसने सभी को हैरान और परेशान कर दिया।
बताया जा रहा है क्या अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने टांके लगाने से मना कर दिया और डॉक्टर का कहना था कि बच्चों के चेहरे पर अगर टांके लगेंगे तो निशान पड़ जाएंगे इसलिए उन्होंने कहा सिर्फ पांच रुपये की फैवीक्विक लेकर आओ और उसी से घाव चिपका देते हैं।
डॉक्टरों की इस बात पर भरोसा करते हुए परिजन फैवीक्विक ले आए। जैसे से ही डॉक्टरों ने बच्चों की आंख के पास लगे कट पर फेविक्विक लगाया 2 वर्षीय मनराज दर्द से चीखने लगा। डॉक्टर ने इस बच्चे का डर बताते हुए नजर अंदाज कर दिया। परिजनों का कहना है कि इस समय उन्हें अंदेशा हो गया था कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है।
इसके बाद बच्चे का दर्द कम होने की वजह लगातार बढ़ता गया है। घाव के पास फेवीक्विक का जमाव सख्त हो गया जिसकी वजह से फिर मनराज को लोकप्रिय अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों की लापरवाही को देखकर हर कोई हैरान हो गया। फेवीक्विक हटाने में करीब 3 घंटे लग गए इस दौरान बच्चा दर्द से चीखता रहा।
डॉक्टर ने पूरी सतर्कता के साथ चिपका हुआ हिस्सा हटाने के बाद घाव का उपचार किया और फिर चार टांके लगाए काफी देर बाद बच्चे की स्थिति सामान्य हुई। गंभीर लापरवाही से आहत पिता जसप्रिंदर सिंह ने भाग्यश्री अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों से जवाब मांगा, पर उन्होंने कोई जवाब न मिलने पर जसप्रिंदर पूरा मामला मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से शिकायत की।
उनकी शिकायत में साफ लिखा है कि यदि फैवीक्विक का रसायन बच्चे की आंख में चला जाता, तो उसकी आंख तक नुकसान पहुंच सकता था। यह डॉक्टरों की न केवल अनदेखी बल्कि बच्चे की जान से सीधा खिलवाड़ है।
सीएमओ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं वही एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। अस्पताल अगर दोषी मिला तो बड़ी कार्यवाही हो सकती है।
