उड़ीसा के कंधमाल जिले में एक बिहार हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां पर मुसिमाहा गांव में चिप्स के पैकेट से एक छोटा खिलौना निगलने के बाद चार साल के एक बच्चे की दम घुटने से मौत हो गई।
मृतक की पहचान किसान रंजीत प्रधान (40) के बेटे बिगिल प्रधान के रूप में हुई है। परिवार में बच्चों को एक चिप्स दिलाया था और उसके बाद उस पर ध्यान नहीं दिया। बच्चे ने चिप्स के खिलौने को मुंह में डाला जो उसके गले में अटक गया। परिवार के सदस्यों का कहना है कि बच्चा आंगनबाड़ी केंद्र से लौटा था।
उसने चिप्स खाने की जिद की जिसके बाद उसके पिता उसे बाजार ले गए और ₹10 का चिप्स का पैकेट खरीद कर दे दिया। पैकेट में एक प्लास्टिक का खिलौना था।
बताया जा रहा है की चिप्स खाते-खाते बच्चों के हाथ में खिलौना आ गया और उसने उसे मुंह में रख लिया और चबाने लगा। इसके बाद खिलौना उसके गले में अटक गया। बच्चे का दाम घुटने लगा। परिवार वालों की नजर पड़ी तो उन्होंने खिलौना निकालने की काफी कोशिश की लेकिन इसके बाद बच्चा अचानक बेहोश हो गया उसके बाद माता-पिता उसे दारिंगबाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, जैकेश सामंतारा ने बताया कि खिलौना बच्चे के गले में सांस नली में फंस गया था, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्होंने कहा कि बच्चे ने शायद सोचा होगा कि खिलौना खाने लायक है और उसने उसे निगलने की कोशिश की।
दुर्भाग्य से, इसने उसकी सांस की नली को बंद कर दिया, जिससे दम घुटने लगा। उन्होंने कहा कि बच्चे इन खिलौनों को खाने की चीज़ें समझ लेते हैं। खाद्य कंपनियों को पैकेट के अंदर ऐसी चीज़ें रखना बंद कर देना चाहिए।
बताया जा रहा है कि इसके बाद माता-पिता ने पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया मौत का कारण दम घुटना बताया गया। पुलिस का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। आंध्र प्रदेश के विजयनगरम (अक्टूबर 2020) और पश्चिम गोदावरी (नवंबर 2017) जिलों में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं, जहां दो बच्चों की नाश्ते के पैकेट में खिलौने निगलने से मौत हो गई थी।
गंजम के मुख्य जिला चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य अधिकारी (सीडीएम एंड पीएचओ) एसके नायक ने कहा कि यह न केवल बच्चों के लिए, बल्कि वयस्कों के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसी कोई बाहरी वस्तु श्वासनली या भोजन नली में फंस जाती है, तो इससे दम घुट सकता है और मौत हो सकती है।
निजी चिकित्सक डॉ. सुभाष साहू ने अधिकारियों से कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) को पैकेज्ड स्नैक्स की सख्त निगरानी करनी चाहिए और पैकेट के अंदर खिलौनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। ऐसा करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
