उत्तर प्रदेश सीमा से सटे इलाकों में बढ़ेगी निगरानी, वोटर पहचान पत्रों की कड़ी जांच शुरू होगी

देहरादून। उत्तराखंड में बदलती आबादी की स्थिति, राज्य सरकार के लिए लगातार चिंता का कारण बनती जा रही है। जनसंख्या के इस बदलाव को अब…

BIG BREAKING: PM Modi again receives death threat, police begins investigation


देहरादून। उत्तराखंड में बदलती आबादी की स्थिति, राज्य सरकार के लिए लगातार चिंता का कारण बनती जा रही है। जनसंख्या के इस बदलाव को अब सरकार एक साधारण प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक गंभीर चुनौती मान रही है। इसी वजह से पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर दस्तावेजों का सत्यापन अभियान चल रहा है।

गांव से लेकर शहर तक, हर जगह लोगों के कागज़ों की जांच की जा रही है। राशन कार्ड, आधार कार्ड और पहचान पत्र जैसे दस्तावेजों की दोबारा पड़ताल शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही, पिछले तीन साल में जारी हुए स्थाई निवास प्रमाण पत्रों को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है। खासकर उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे इलाकों में रहने वालों के वोटर कार्ड का सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए हैं।


फर्जी दस्तावेजों और अवैध बस्तियों की शिकायतें बढ़ने के बाद, सरकार ने सख्ती को और तेज कर दिया है। भू कानून में संशोधन कर, राज्य ने शुरू में ही साफ कर दिया था कि अब किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। इसके बाद कालनेमि अभियान चलाया गया, और हाल ही में देवभूमि परिवार योजना को भी मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बार साफ कह चुके हैं कि उत्तराखंड की मूल पहचान को किसी भी हाल में बदलने नहीं दिया जाएगा। उनका कहना है कि जनसांख्यिकीय ढांचे में जिस तेजी से बदलाव दिखाई दे रहा है, वह राज्य के भविष्य के लिए ठीक नहीं है।


शहरी इलाकों में बाहरी आबादी का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इससे संसाधनों पर असर पड़ रहा है, सामाजिक ढांचा बदल रहा है और स्थानीय लोगों की चिंताएं भी बढ़ रही हैं। राज्य में फर्जी दस्तावेजों के जरिए राशन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्र बनवाने, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और पात्रता हासिल करने जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसी वजह से सरकार ने प्रशासन को साफ निर्देश दिए हैं कि हर संदिग्ध दस्तावेज की कठोर जांच की जाए।


मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि कई स्थानों से ऐसी शिकायतें आई हैं कि पात्रता सूची में उन लोगों को भी शामिल कर दिया गया जो वास्तव में पात्र ही नहीं थे। गलत तरीके से राशन कार्ड जारी किए गए, बिजली कनेक्शन दिए गए और पहचान पत्र भी बना दिए गए। अब ऐसे सभी मामलों की जांच की जाएगी, और प्रशासन को किसी भी तरह के दबाव से दूर रहकर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।


मुख्यमंत्री धामी ने यह भी बताया कि कुछ क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले लोगों के दो अलग अलग स्थानों पर वोटर कार्ड बने हुए पाए गए हैं। इसलिए उधमसिंह नगर, चंपावत, नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी जिलों में वोटर सूची का गहन सत्यापन कराया जा रहा है।


मुख्यमंत्री का कहना है कि उत्तराखंड की जनसांख्यिकीय स्थिति में जो बदलाव दिख रहा है, वह राज्य के लिए किसी भी तरह से ठीक नहीं है। इस बदलाव पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को और ज्यादा सख्ती से काम करने के निर्देश दिए गए हैं, और उन लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने अपात्र लोगों को पात्र श्रेणी में शामिल कराने का काम किया है।