अल्मोड़ा में भूकंप:: मॉक ड्रिल में तो पुख्ता दिखीं प्रशासन की तैयारी

आपदा की स्थिति में आपदा प्रबंधन और रिस्पांस टाइम की परख‌ की गई अल्मोड़ा: जनपद में आज आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत बनाने तथा भूकंप…

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आपदा की स्थिति में आपदा प्रबंधन और रिस्पांस टाइम की परख‌ की गई

अल्मोड़ा: जनपद में आज आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत बनाने तथा भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारी को परखने के उद्देश्य से व्यापक भूकंप मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
यह मॉक ड्रिल जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, फायर सर्विस, एसडीआरएफ तथा संबंधित सभी आपदा प्रबंधन इकाइयों के समन्वय से संचालित हुई।


मॉकड्रिल के दौरान भूकंप से प्रभावित 5 क्षेत्रों को चिन्हित कर वहां रेस्क्यू, खोज एवं राहत कार्यों का अभ्यास किया गया, जिनमें
RCM मॉल, विशाल मेगा मार्ट, पिटकुल पावर हाउस पांडेखोला, जिला अस्पताल तथा आंगनबाड़ी केंद्र, हुक्का क्लब शामिल थे।

इन सभी स्थलों पर आपदा के वास्तविक परिदृश्य का अनुकरण करते हुए प्रभावितों को सुरक्षित निकालने, प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने, भीड़ प्रबंधन करने तथा त्वरित राहत कार्यों का मूल्यांकन किया गया।

फायर सर्विस और मेडिकल टीमों ने तत्काल प्रतिक्रिया, घायल व्यक्तियों की प्राथमिक चिकित्सा, संदिग्ध क्षेत्रों का निरीक्षण तथा सुरक्षित निकासी की प्रक्रिया का सफल प्रदर्शन किया।
मॉक ड्रिल के सुचारू संचालन के लिए स्टेजिंग एरिया पुलिस लाइन में स्थापित किया गया था।


जहां से उपजिलाधिकारी सदर संजय कुमार के निर्देशन में सभी टीमों को आवश्यक उपकरण, वाहनों तथा रेस्क्यू दलों की तैनाती की गई। रेस्क्यू ऑपरेशन की संपूर्ण मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम के माध्यम से की गई।


मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा ने बताया कि इस प्रकार की मॉक ड्रिल से न केवल आपदा प्रबंधन तंत्र सक्रिय और सजग रहता है, बल्कि संबंधित विभागों के बीच आपसी समन्वय भी मजबूत होता है। साथ ही आमजन में भी आपातकालीन स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया करनी है, इसकी जागरूकता बढ़ती है।


उन्हेंने कहा कि भविष्य में भी समय-समय पर ऐसे अभ्यास कराकर जिले को आपदा प्रबंधन की दृष्टि से और अधिक सक्षम बनाया जाएगा।

जिन सभी पांचों स्थलों पर भूकंप के प्रभाव की काल्पनिक स्थिति बनाई गई उसमें रघुनाथ सिटी मॉल में 10:01 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसमें कुछ लोग घायल तथा कुछ लोगों की मृत्यु की काल्पनिक घटना तैयार की गई थी। इस स्थल के इंसीडेंट कमांडर तहसीलदार रानीखेत दीपिका आर्य बनाई गई थी।

विशाल मेगा मार्ट में भूकंप के झटकों से कुछ लोगों के फंसे होने की काल्पनिक सूचना प्राप्त हुई। यहां के इंसीडेंट कमांडर तहसीलदार अल्मोड़ा ज्योति धापवाल रहीं।

जिला अस्पताल में भूकंप के कारण फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक तथा आधुनिक उपकरण गिरने से क्षतिग्रस्त हुए वार्डों में भर्ती मरीजों को मामूली चोटें पहुंची तथा कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हुए। यहां इंसीडेंट कमांडर तहसीलदार भिकियासैंण रवि शाह के नेतृत्व में सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
पिटकुल पावर हाउस पांडेखोला भूकंप आने से पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुआ तथा नगर क्षेत्र की बिजली बाधित हुई। यहां के इंसीडेंट कमांडर तहसीलदार सल्ट आबिद अली ने कमान संभाली।


आंगनबाड़ी केंद्र हुक्का क्लब में भूकंप के कारण कुछ बच्चे और कार्यकत्रियों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई थी। इस घटना स्थल की इंसीडेंट कमांडर तहसीलदार सोमेश्वर नेहा धपोला रहीं।

इन सभी घटनाओं की सूचना पर मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा तत्काल आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे तथा उन्होंने तत्काल आईआरएस (इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम ) को सक्रिय किया। आपदा कंट्रोल रूम से घटना स्थलवार सभी इंसीडेंट कमांडरों को उक्तानुसार सूचना दी गई। इंसीडेंट कमांडर तत्काल अपने दलबल और संसाधनों के साथ घटना स्थलों के लिए रवाना हुए। घटना स्थलों पर रेस्क्यू टीमें पहुंची और त्वरित गति से खोज एवं बचाव कार्यों को अंजाम दिया गया।

इस मॉक ड्रिल में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नवीन चंद्र तिवारी, अपर जिलाधिकारी युक्ता मिश्र, पुलिस उपाधीक्षक जीडी जोशी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल, जिला विकास अधिकारी एसके पंत समेत समेत अन्य अधिकारियों ने अपनी- अपनी भूमिका का निर्वहन किया।