मक्की की रोटी का नाम लेते ही सर्दियों की सुबह की ताजगी और देसी रसोई की खुशबू दिमाग में तैरने लगती है। घी की हल्की चमक और ताजगी की मिठास इसे और भी खास बना देती है। भारत में मक्का सिर्फ एक अनाज नहीं बल्कि परंपरा और सेहत का संगम है।
गांवों में इसे ताकत बढ़ाने वाला खाना माना जाता है और शहरों में लोग इसे हेल्दी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर अपनी डाइट में शामिल करते हैं। मक्की की रोटी हल्की होती है। पेट को लंबे समय तक भरी रखती है और धीरे-धीरे एनर्जी देती है। इस वजह से सर्दियों में इसे खाने की परंपरा सबसे ज्यादा है।
मक्के में फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन बी भरपूर मात्रा में होते हैं। यह पेट को लंबे समय तक भरा रखती है, जिससे ज्यादा खाने की जरूरत नहीं पड़ती और वजन नियंत्रित रहता है। इसमें मौजूद कॉम्प्लेक्स कार्ब्स दिनभर शरीर को थकान नहीं होने देते। सर्दियों में यह शरीर को अंदर से गर्म रखती है और पाचन को भी बेहतर बनाती है। एनीमिया के मरीजों के लिए भी मक्का फायदेमंद है क्योंकि इसमें आयरन अच्छी मात्रा में होता है।
हालांकि हर चीज की तरह मक्का भी हर किसी के लिए सही नहीं है। जिन लोगों को अल्सर, कोलाइटिस या गैस की समस्या रहती है, उन्हें मक्का कम ही खाना चाहिए। इसकी तासीर गर्म होती है और यह शरीर में हीट बढ़ा सकती है। डायबिटीज के मरीजों को भी इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए क्योंकि इसमें स्टार्च ज्यादा होता है जिससे शुगर तेजी से बढ़ सकती है।
मक्के की तासीर गर्म मानी जाती है। यही वजह है कि सर्दियों में इसका सेवन सबसे ज्यादा होता है। यह शरीर में जमी ठंडक को दूर करता है और मसल्स को ताकत देता है। उत्तरी भारत और पहाड़ी इलाकों में मक्की की रोटी के साथ सरसों का साग परफेक्ट कॉम्बिनेशन माना जाता है। जिन्हें एलर्जी हो, उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना इसे नहीं खाना चाहिए।
वैसे तो हर अनाज की अपनी खासियत होती है। लेकिन अगर ताकत और न्यूट्रिशन की बात करें, तो रागी की रोटी सबसे ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है। इसमें आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर मक्के या गेहूं की तुलना में कई गुना ज्यादा होते हैं। यह डायबिटिक मरीजों और वजन कम करने वालों के लिए भी बेहतर विकल्प है। फिर भी अगर सर्दियों में एनर्जी, गर्माहट और स्वाद चाहिए, तो मक्की की रोटी किसी पावरफूड से कम नहीं होती।
मक्का खाने से शरीर की चर्बी घटती है और वजन नियंत्रित रहता है। इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पाचन में मदद करते हैं और शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए रखते हैं।
