दिल्ली में हुए ब्लास्ट मामले में नया मोड़ आया है। डॉक्टर शाहीन को मामले में संलिप्त होने के शक में भारतीय चिकित्सा संघ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उनकी आजीवन सदस्यता खत्म कर दी है। उनका निष्कासन केंद्रीय कार्यालय तक भेज दिया गया है।
10 नवंबर की शाम को दिल्ली के लाल किले के पास कार में हुए ब्लास्ट में 12 लोग मारे गए थे और बीस से अधिक घायल हुए थे। इससे पहले फरीदाबाद में 2900 किलो से ज्यादा विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। पहले 300 किलो और बाद में 2563 किलो विस्फोटक मिला था।
इस कार्रवाई की शुरुआत पहले से गिरफ्तार मुजम्मिल के निशानदेही के आधार पर हुई थी। मुजम्मिल के पास से एक स्विफ्ट कार मिली थी जो डॉक्टर शाहीन के नाम पर थी। इसके बाद पुलिस ने शाहीन को गिरफ्तार कर लिया। शाहीन मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हैं।
शाहीन के परिवार ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उनके पूर्व पति ने बताया कि शाहीन ने कभी अपने घर में बुर्का नहीं पहना और वह हमेशा अपने बच्चों की देखभाल करती थीं और विदेश में बेहतर जिंदगी चाहती थीं। शाहीन के भाई ने कहा कि पिछले चार साल से वह और उनकी बहन संपर्क में नहीं थे और पिता ने कहा कि उनकी बेटी की कथित संलिप्तता के बारे में सुनकर वह स्तब्ध हैं और आखिरी बार उनसे एक महीने पहले बात हुई थी।
