दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए कार धमाके का सच अब सामने आ गया है। धमाके वाली कार में मौजूद आतंकी डॉक्टर उमर ने खुद को उड़ा लिया था और डीएनए टेस्ट से यह पुष्टि हो गई है। इस हमले में 12 लोग मारे गए जिनमें उमर भी शामिल था।
धमाके के बाद यह सस्पेंस था कि लाल किले के पास मिले अवशेष उमर के हैं या नहीं। पुलिस और जांच एजेंसियों ने उसकी मौत की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट कराया। पुलवामा से उमर की मां को हिरासत में लिया गया और उसके डीएनए सैंपल को कार में मिले अवशेषों से मिलाया गया। टेस्ट में मैच होने के बाद साफ हो गया कि आतंकी ने जानबूझकर लाल किले के पास धमाका किया था।
सूत्रों के अनुसार डॉक्टर उमर पुलिस की गिरफ्त से डर रहा था। सुबह फरीदाबाद में उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई थी और कुछ विस्फोटक बरामद हुए थे। उमर किसी तरह वहां से बच निकला और उसके पास पहले से ही विस्फोटक थे। दिल्ली में धमाके से पहले वह कई जगह कार घुमाता रहा। कभी मयूर विहार, कभी क्नॉट प्लेस और फरीदाबाद में देखा गया। इसके बाद लाल किले की पार्किंग में करीब तीन घंटे तक उसने बम को और घातक बनाने के लिए काम किया।
शाम को पैनिक में आकर उसने मेट्रो गेट नंबर एक के पास कार में धमाका कर दिया। यह धमाका फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के सामने आने के कुछ ही घंटों बाद हुआ। हरियाणा की अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2 हजार 900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक बरामद हुए थे। इस बरामदगी ने डॉक्टरों से जुड़े आतंकवादी नेटवर्क का भी खुलासा कर दिया जो कथित रूप से पूरे देश में हमले की योजना बना रहा था।
डीएनए रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट हुआ कि आई20 कार चलाने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि डॉक्टर उमर ही था और उसके मां के डीएनए सैंपल्स कार में मिले अवशेषों से पूरी तरह मैच कर गए।
