गायत्री परिवार अल्मोड़ा ने 110 विद्यालयों में चलाया नशामुक्ति अभियान

अल्मोड़ा। चरित्र निर्माण में ही समस्याओं का समाधान उद्देश्य को लेकर गायत्री परिवार अल्मोड़ा के परिजनों ने जुलाई माह से जिलेभर के विद्यालयों में नशामुक्ति…

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15 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने लिया नशामुक्त जीवन का संकल्प

अल्मोड़ा। चरित्र निर्माण में ही समस्याओं का समाधान उद्देश्य को लेकर गायत्री परिवार अल्मोड़ा के परिजनों ने जुलाई माह से जिलेभर के विद्यालयों में नशामुक्ति अभियान की मुहिम चलाई है।


गायत्री परिवार के मुताबिक अब तक 110 विद्यालयों में आयोजित इस अभियान में 15,000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने नशामुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया है।


गायत्री परिवार के भीम सिंह अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान विद्यार्थियों को वास्तविक उदाहरणों और नशामुक्ति गीतों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। साथ ही विद्यालयों में नशामुक्ति पुस्तिका और चरित्र निर्माण साहित्य भी वितरित किया जा रहा है।


उन्होंने बताया कि “नशामुक्त रहने के लिए सबसे आवश्यक गुण है अदम्य साहस। ऐसे लोगों की आज समाज को आवश्यकता है जो यह संकल्प लें कि उनके जीवन से किसी व्यक्ति को नशा सीखने की प्रेरणा न मिले।” उन्होंने कहा कि सुधरे हुए व्यक्ति ही समाज सुधार के सशक्त प्रेरक बन सकते हैं।


गायत्री परिजन हरीश बिष्ट ने नशे और मोबाइल फोन के दुरुपयोग से होने वाली हानियों के संबंध में सच्ची घटनाओं द्वारा छात्रों को जागरूक किया तथा अनुशासित जीवन अपनाने का आग्रह किया। विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण के छह सूत्र भी बताए गए।


गायत्री परिजनों ने बताया कि अगले वर्ष 2026 में शांतिकुंज हरिद्वार में स्थापित अखण्ड दीपक और माता भगवती देवी शर्मा की शताब्दी वर्ष के क्रम में अल्मोड़ा जिले के अधिकांश विद्यालयों और गाँवों में नशामुक्ति अभियान चलाने का संकल्प लिया गया है।
उन्होंने बताया कि जुलाई से अब तक यह अभियान राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा, राजकीय महिला पॉलीटेक्निक पातालदेवी, राजकीय नर्सिंग कॉलेज अल्मोड़ा, माँ अंबे नर्सिंग कॉलेज कर्नाटकखोला, राजकीय महाविद्यालय तल्ला सल्ट, राजकीय महाविद्यालय लमगड़ा, राजकीय महाविद्यालय सोमेश्वर, राइका मोतियापाथर, राइका मासी, जीजीआइसी सोमेश्वर, राइका शेर, राइका हवालबाग, ज्ञान विज्ञान एकेडमी हवालबाग, राइका बासोट, राइका सिलोर सहित कई विद्यालयों में आयोजित किया गया।
“नशामुक्ति व व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण” संबंधी इन कार्यक्रमों में हरीश बिष्ट, भीम सिंह अधिकारी, जगजीवन खोलिया, राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी, हीरा सिंह बिष्ट, गोपाल सिंह विष्ट, पूरन सिंह बोरा, अम्बादत्त सती, अर्जुन सिंह नेगी सहित अनेक परिजन सक्रिय रूप से सम्मिलित हुए।