दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए धमाके ने पूरे देश को हिला दिया है। पुलिस और जांच एजेंसियां लगातार इस मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। अब तक कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जांच में सामने आया है कि इस हमले के पीछे तीन मुख्य चेहरे थे जिनके नाम डॉ मुजम्मिल, डॉ अदील अहमद डार और डॉ उमर बताए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार धमाके के वक्त डॉ उमर की मौत हो गई थी जबकि डॉ मुजम्मिल और डॉ अदील को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मुजम्मिल से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच में यह सामने आया है कि इन लोगों का असली निशाना दिल्ली का लाल किला था। उन्होंने यहां हमले की पूरी तैयारी कर रखी थी।
एजेंसियों को पता चला है कि इन लोगों ने जनवरी के पहले हफ्ते में लाल किले की रेकी की थी। डॉ मुजम्मिल के मोबाइल डाटा की जांच में यह जानकारी मिली है। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि इनकी योजना 26 जनवरी को लाल किले पर बड़ा धमाका करने की थी। इतना ही नहीं वे दीवाली के दौरान भी किसी भीड़भाड़ वाले इलाके को निशाना बनाने की फिराक में थे।
धमाके में अब तक तेरह लोगों की मौत हो चुकी है और इक्कीस से ज्यादा घायल हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस घटना के कुछ घंटे पहले ही जम्मू कश्मीर और हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद से दो हजार नौ सौ किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था। जांच में सामने आया है कि डॉ उमर जैश ए मोहम्मद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था और उसके साथ मुजम्मिल और अदील अहमद डार भी इसी ग्रुप के सदस्य थे।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से हाफिज इश्तियाक नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया है। बताया गया है कि डॉक्टर मुजम्मिल ने इश्तियाक का घर किराए पर लिया था। उसी मकान से पुलिस को दो हजार पांच सौ तिरेसठ किलो विस्फोटक बरामद हुआ है। अब एनआईए भी हाफिज इश्तियाक से पूछताछ कर रही है और जांच में तेजी लाई गई है।
