₹7 हजार फीस पर छात्र ने दी जान, प्रिंसिपल बोले ₹25 हजार का फोन और ₹1 लाख की बाइक वाले को गरीब कैसे कहें

उत्तर प्रदेश के बुढ़ाना में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। डीएवी पीजी डिग्री कॉलेज के 24 साल के छात्र उज्जवल राणा ने शनिवार को…

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उत्तर प्रदेश के बुढ़ाना में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। डीएवी पीजी डिग्री कॉलेज के 24 साल के छात्र उज्जवल राणा ने शनिवार को क्लासरूम के अंदर खुद को आग लगा ली। बताया जा रहा है कि उसे सात हजार रुपये की फीस बाकी होने की वजह से परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी गई थी। उज्जवल बीए सेकंड ईयर का छात्र था और कॉलेज प्रशासन द्वारा बार बार फीस को लेकर बेइज्जती और ताने झेल रहा था।

घटना से पहले उज्जवल ने एक वीडियो बनाया और एक नोट भी छोड़ा। उस नोट में उसने कॉलेज के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार पर गाली गलौज और मारपीट का आरोप लगाया। उसने यह भी लिखा कि जब उसने मदद के लिए पुलिस से संपर्क किया तो पुलिस ने भी उसका साथ देने के बजाय कॉलेज प्रशासन का पक्ष लिया। इससे वह टूट गया और उसे लगा कि अब उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा है। उसने अपने सुसाइड नोट में प्रिंसिपल के साथ तीन पुलिसकर्मियों को भी अपनी हालत का जिम्मेदार बताया है।

उधर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार सिंह ने मीडिया से कहा कि उज्जवल ने अपनी फीस में से सिर्फ सत्रह सौ पचास रुपये ही जमा किए थे। कॉलेज आधी फीस पहले लेता है लेकिन उसने बाकी रकम नहीं दी। प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि वह शायद ही कभी क्लास में आता था। उसके पास पच्चीस हजार रुपये का मोबाइल है और वह रोज मोटरसाइकिल से कॉलेज आता है जिसकी कीमत करीब एक लाख रुपये है। ऐसे में उसे गरीब या पिछड़े वर्ग से कैसे माना जा सकता है। अगर वह सच में फीस नहीं दे सकता था तो सरकार की तरफ से मिलने वाली छात्रवृत्ति का फॉर्म क्यों नहीं भरा।

फिलहाल इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। छात्र संगठनों ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और उज्जवल के सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया है।