देहरादून में उत्तराखंड राज्य के गठन की 25वीं वर्षगांठ पर राज्य सरकार ने रजत जयंती के रूप में कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इसी कड़ी में सहकारिता विभाग ने राज्य स्तर पर सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया जिसका शुभारंभ सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने किया। कार्यक्रम में मंत्री ने छात्रों से लेकर ग्रामीणों तक सभी को सहकारिता के महत्व और इसके क्षेत्र में किए गए कामों के बारे में जानकारी दी।
धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड ने सहकारिता के क्षेत्र में देश में नई दिशा दी है। संचालित मिलेट्स मिशन योजना के तहत किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं। राज्य सरकार ने मंडुवा खरीद के जरिए किसानों को 4800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से आर्थिक सहारा दिया है। मंत्री ने यह भी बताया कि महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से 21 हज़ार से लेकर एक लाख दस हज़ार रुपए तक बिना गारंटी लोन दिया जाएगा जिससे वे रोजगार और आय बढ़ाने वाली गतिविधियों में जुड़ सकें। इसके साथ ही भारत दर्शन यात्रा के लिए समूहों को तीन लाख रुपए तक का लोन भी प्रदान किया जाएगा।
सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि कक्षा छह से छात्रों को सहकारिता आंदोलन का पाठ पढ़ाया जाएगा और इसके लिए निबंधक समिति गठित की जाएगी। यह प्रस्ताव राज्य स्तर पर तैयार होकर भारत सरकार को भेजा जाएगा ताकि केंद्रीय विद्यालयों में भी इसे शामिल किया जा सके। इसके अलावा उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक अब ठेली और रेहड़ी व्यवसायियों को 5 प्रतिशत ब्याज दर पर तीन से पांच दिनों के लिए अल्पकालिक लोन उपलब्ध कराएगा ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके।
प्रदेश के कई जिलों जैसे पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में सहकारिता मेले आयोजित किए गए जिसमें 70 हज़ार से अधिक ग्रामीण शामिल हुए। पौड़ी जिले में बंजर भूमि पर फूलों की खेती ने “वेस्ट से बेस्ट” का उदाहरण पेश किया है। आने वाले दिनों में उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में भी ऐसे मेले आयोजित किए जाएंगे।
