जाली सर्टिफिकेट ने पहाड़ के मेहनत करने वाले युवाओं से नौकरी छीन ली, बाहरी दावेदारों ने शिक्षक बनकर हक पर कब्जा जमा लिया, सिस्टम की दरारों में न्याय दब गया

उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां जाली प्रमाणपत्रों के सहारे सरकारी नौकरी हथियाने का खेल खेला गया है। जिन्होंने असली…

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उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां जाली प्रमाणपत्रों के सहारे सरकारी नौकरी हथियाने का खेल खेला गया है। जिन्होंने असली मेहनत की, परीक्षा पास की और मेरिट लिस्ट में आने के लिए संघर्ष किया, वे बेरोजगार रह गए और कुछ चालाक लोगों ने फर्जी कागजों से सहायक अध्यापक की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया। अब तक ऐसे करीब 40 फर्जी शिक्षकों का पता चल चुका है।

मामला वर्ष 2024 की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा है। उस समय प्राथमिक शिक्षा विभाग में डीएलएड धारकों के लिए सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति निकली थी। ऊधमसिंह नगर जिले में कुल 309 पद स्वीकृत हुए थे। इनमें से 44 पद बैकलॉग के थे और कुछ सीटें दिव्यांग वर्ग के लिए खाली रह गई थीं। करीब 256 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की गई। लेकिन जांच में सामने आया कि इनमें से 40 लोगों ने अपने दस्तावेज जाली लगाकर सिस्टम को धोखा दिया।

इन लोगों ने अपने कागजों में गड़बड़ी छिपाकर प्रक्रिया में हिस्सा लिया। विभाग को गुमराह करते हुए मेरिट लिस्ट में जगह बना ली और शपथपत्र पर नियुक्ति लेकर सरकारी अध्यापक बन बैठे। इन फर्जी शिक्षकों ने न सिर्फ विभाग को ठगा बल्कि पहाड़ के युवाओं के अधिकार पर भी डाका डाल दिया। मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों के सपनों के साथ खिलवाड़ करने वालों का अब पर्दाफाश हो रहा है और विभाग ने जांच शुरू कर दी है।