उत्तराखंड में फर्जी कागजों का खेल, शादी किए बिना महिला को बना दिया पत्नी, 19 लाख का लोन लेकर किया बड़ा धोखा

अल्मोड़ा में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक की शाखा से लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी ने जाली कागजों के सहारे 19 लाख रुपये का लोन…

IMG 20251106 150257

अल्मोड़ा में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक की शाखा से लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी ने जाली कागजों के सहारे 19 लाख रुपये का लोन ले लिया। खास बात यह कि आरोपी ने बैंक की दूसरी शाखा से भी इसी योजना के तहत पहले लोन लिया था। अब बैंक की ओर से आरोपी समेत चार लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। मुख्य आरोपी लोनिवि के अधीक्षण अभियंता कार्यालय में तैनात बताया गया है।

शाखा प्रबंधक समीर भटनागर ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि लोनिवि कर्मचारी हिमांशु कुमार ने 31 मई 2025 को बैंक की कर्मचारी ऋण योजना के तहत 19 लाख रुपये का लोन फर्जी कागजों से हासिल किया था। बैंक की जांच में खुलासा हुआ कि हिमांशु ने इससे पहले काशीपुर शाखा से भी 18 लाख 50 हजार का लोन इसी योजना के तहत लिया था। दोनों शाखाओं में दिए गए दस्तावेजों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, पिता का नाम और गारंटर के दस्तखत अलग-अलग पाए गए। पूछताछ में हिमांशु ने खुद स्वीकार किया कि उसने जाली दस्तावेज तैयार करवाए थे और इस काम में विभाग के तीन अन्य साथियों की मदद ली थी।

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि हिमांशु के साथी राजू जीना ने भी जिला सहकारी बैंक अल्मोड़ा से फर्जी दस्तावेजों के सहारे लोन लिया था। हिमांशु ने अपने दस्तावेजों में हिना धर्मसक्तू नाम की महिला को अपनी पत्नी बताया था जबकि दोनों का विवाह नहीं हुआ था। महिला ने बैंक को बताया कि उसे इस पूरे मामले में धोखे में रखा गया। बैंक प्रबंधक ने कहा कि यह सिर्फ बैंक के साथ नहीं बल्कि जनता के धन से जुड़ा गंभीर मामला है। पुलिस ने लोनिवि कर्मचारी हिमांशु कुमार, मनोज कुमार, राजू जीना और शुभरन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

हिमांशु ने लोन लौटाने का भरोसा तो दिया लेकिन उसने एक भी रुपया जमा नहीं किया। कभी उसने ढाई तो कभी पांच लाख रुपये लौटाने की बात कही लेकिन बाद में मोबाइल फोन बंद कर गायब हो गया।

पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले में संगठित अपराध की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता। जांच टीम अब अन्य बैंकों से भी दस्तावेजों का मिलान करा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं यह गैंग बड़े पैमाने पर तो सक्रिय नहीं है। आरोपियों से पूछताछ में और भी मामले सामने आ सकते हैं।

एसएसपी देवेंद्र पींचा ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों से लोन लेने वाले आरोपियों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।