उत्तराखंड की हालिया आपदाओं ने कई परिवारों को उजाड़ दिया, किसी का घर गया तो किसी का सपना ही खत्म हो गया। पहाड़ की खामोश वादियों में अब भी उन चीखों की गूंज सुनाई देती है, जिन्हें सुनकर दिल भर आता है।
इसी दर्द को महसूस करते हुए उत्तराखंड के स्वतंत्र कलाकार और शिक्षक प्रकाश पपनै ने अपनी कला को इंसानियत की सेवा में बदल दिया है। उन्होंने एक अनूठी पहल शुरू की है — “करुणा कलेवर”, यानी करुणा का रूप लेती कला।
🎨 क्या है ‘करुणा कलेवर’?
प्रकाश पपनै अपनी 10 खास पेंटिंग्स को ऑनलाइन प्रदर्शित कर रहे हैं। इन पेंटिंग्स की बिक्री से जो भी राशि मिलेगी, उसका 80% हिस्सा सीधे उत्तराखंड मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगा।
कलाकार प्रकाश पपनै ने कहा कि “कला केवल सजावट नहीं, संवेदना की आवाज़ भी होनी चाहिए”। —
उनकी पेंटिंग में उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू, मानवीय करुणा, और फिर से खड़े होने का साहस दिखाई देता है। यह कला नहीं, मानो दिल के रंगों से बनी उम्मीद की तस्वीरें हैं।
🖼️ कब और कहाँ देखें ये कलाकृतियाँ?
जो लोग इस मानवीय पहल का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे ऑनलाइन प्रदर्शनी में शामिल हो सकते हैं —
📅 शुरुआत: 9 नवम्बर 2025
🌐 स्थान: www.matrikaartgallery.com/karunakalewar
