आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ मचने से 10 श्रद्धालुओं की मौत,कई घायल

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई। जब काशीबुग्गा स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में अचानक भगदड़ हो गई।…

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आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में शनिवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई। जब काशीबुग्गा स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में अचानक भगदड़ हो गई। हादसे में दस लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि यह हादसा मंदिर में लगी लोहे की रेलिंग गिरने से हुआ। मंदिर में एकादशी के मौके पर भारी भीड़ उमड़ी थी। श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। तभी अचानक धक्का मुक्की शुरू हो गई और देखते ही देखते भगदड़ मच गई।

घटना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों को घायलों के इलाज में कोई लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों से राहत कार्यों की निगरानी करने को कहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई भगदड़ की खबर से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को पचास हजार रुपये देने की घोषणा की है। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है।

राज्यपाल एस अब्दुल नजीर ने भी हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई है। वहीं डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह बेहद दुखद है कि भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ में नौ श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि घायलों के इलाज में सरकार पूरी मदद करेगी।

राज्य की गृह मंत्री अनीता ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली है। साथ ही राहत कार्यों में तेजी लाने को कहा है। कृषि मंत्री के अत्चन्नायडू भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। मंदिर परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि हालात नियंत्रण में रहें।

स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे मची। जब भक्त गर्भगृह के करीब जाने लगे। अचानक भीड़ बढ़ने से अफरा तफरी मच गई। कई लोग दब गए और कुछ लोग रेलिंग टूटने से गिर पड़े। बताया जा रहा है कि मंदिर का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ था और प्रवेश व निकास के लिए केवल एक ही द्वार था। यही वजह बनी कि भीड़ को बाहर निकलने में मुश्किल हुई और हादसा हो गया।

जिला प्रशासन ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि घायलों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं लेकिन सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि बार बार हो रही ऐसी त्रासदियां प्रशासन की नाकामी दिखाती हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।