पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक शख्स अपने नाम की वजह से सबका ध्यान खींच लेता है। उनका नाम नरेंद्र मोदी है लेकिन वो प्रधानमंत्री नहीं बल्कि एक आम आदमी हैं। दुबराजपुर शहर के कछारीपाड़ा इलाके में रहने वाले इस नरेंद्र मोदी का नाम सुनते ही लोग मुस्कुरा देते हैं। मोहल्ले में जब भी वो नजर आते हैं तो लोग हंसते हुए कहते हैं हमारे मोदी जी आ गए।
राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले नरेंद्र मोदी कई साल पहले अपने परिवार के साथ दुबराजपुर आकर बस गए थे। अब वो बंगाल की मिट्टी में पूरी तरह रच बस गए हैं। पेशे से व्यापारी हैं और इलाके के लोग उन्हें मुन्ना नाम से जानते हैं। वो धाराप्रवाह बंगाली बोलते हैं और हर चुनाव में शिशु विद्यापीठ स्कूल में जाकर वोट डालते हैं।
नरेंद्र मोदी बताते हैं कि जब भी कोई उनका नाम सुनता है तो एक बार जरूर चौंक जाता है। वो हंसते हुए कहते हैं कि एक बार मैं आसनसोल में डॉक्टर के पास गया था। जब मैंने नाम बताया तो डॉक्टर बोले अरे नरेंद्र मोदी खुद आ गए। फिर मुझे समझाना पड़ा कि मैं प्रधानमंत्री नहीं हूं बल्कि आम आदमी हूं।
उनके परिवार में चार भाई बहन हैं जिनमें एक भाई और तीन बहनें हैं। मजे की बात यह है कि उनकी बड़ी बहन का नाम ममता है। इस पर वो मुस्कुराते हुए कहते हैं कि दीदी का नाम भले ममता है लेकिन वो ममता बनर्जी नहीं हैं।
भले उनका नाम प्रधानमंत्री जैसा हो लेकिन यह नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े प्रशंसक हैं। वो कहते हैं हमारा नाम एक जैसा है पर काम अलग है। वो देश के लिए काम करते हैं और मैं अपने परिवार के लिए।
दुबराजपुर के लोग अब उन्हें अपने समुदाय का अहम हिस्सा मानते हैं। जब वो बाजार में निकलते हैं तो हर कोई मुस्कुरा कर कहता है देखो हमारे मोहल्ले के मोदी जी आ गए। सादे स्वभाव और हंसमुख मिजाज वाले इस नरेंद्र मोदी को अब सब प्यार से जानते हैं। उनका कहना है कि नाम से पहचान मिलती है पर असली पहचान इंसानियत से बनती है। राजस्थान से आकर अब बंगाल की धरती पर बस चुके नरेंद्र मोदी खुद कहते हैं कि हम अब पूरी तरह बंगाली हो गए हैं और यही हमारी असली पहचान है।
