उत्तराखंड में अब 112 को एकमात्र आपातकालीन नंबर के रूप में बनाने के लिए नए कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इसके तहत गृह विभाग सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से मोबाइल एप और सॉफ्टवेयर तैयार किए जाएंगे जिसमें आपातकालीन सेवाओं वाले सभी विभागों को आपस में जोड़ा जाएगा।
इसके लिए मोबाइल ऐप के जरिए सहायता ली जाएगी।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में 112 को एकमात्र आपातकालीन नंबर के रूप में लागू करने के दिशा निर्देश जारी किए थे। इस वजह से उत्तराखंड में भी कदम उठाए गए हैं। उत्तराखंड पुलिस ने इसे अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया है राज्य में 112नंबर सक्रिय है लेकिन अभी भी आपातकालीन सेवाओं के लिए लोग अलग नंबरों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
पुलिस सहायता के लिए 100 नंबर को डायल किया जाता है जबकि अग्निशमन सेवाओं के लिए 101 और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 108 नंबर डायल किया जाता है। ऐसे में एक ही आपातकालीन नंबर का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। अन्य आपातकालीन नंबरों पर फोन आने से आमजन को सहायता मिलने में समय लग रहा है।
केंद्र सरकार भी इसके लिए लगातार राज्यों से परामर्श कर रही है। इस कड़ी में गृह विभाग पूरी तरह सक्रिय हो गया है और मोबाइल एप और सॉफ्टवेयर को तैयार कर रहा है ताकि इस नंबर का अधिक से अधिक उपयोग हो सके। सचिव गृह शैलेश बगौली का कहना है कि नंबर सक्रिय है। अब इसके और प्रचार प्रसार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से मोबाइल एप और सॉफ्टवेयर भी तैयार किया जा रहा है।
यह नंबर पुलिस, अग्निशमन या चिकित्सा सहायता जैसी किसी भी तत्काल सहायता की आवश्यकता होने पर काम आता है
यह आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे उपलब्ध है, इसमें आमजन किसी भी समय मदद के लिए काल कर सकते हैं।
यह नंबर महिला सुरक्षा के लिए भी काफी उपयोगी है। विपरीत परिस्थिति में महिलाएं इस नंबर का उपयोग मदद के लिए कर सकती हैं।
