ब्रेकअप से टूटा दिल, कर्मचारी ने मांगी 10 दिन की छुट्टी, बॉस ने कहा – मंजूर है

एक Gen Z कर्मचारी का ईमानदार ईमेल इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है। इस कर्मचारी ने अपने मैनेजर से…

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एक Gen Z कर्मचारी का ईमानदार ईमेल इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है। इस कर्मचारी ने अपने मैनेजर से दस दिन की छुट्टी मांगी और वजह बताई कि उसका ब्रेकअप हो गया है। यह मेल जब कंपनी के सीईओ तक पहुंचा तो उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया और छुट्टी को मंजूरी भी दे दी। इसके बाद लोगों के बीच इस ईमेल ने बहस का नया दौर शुरू कर दिया है।

अक्सर दफ्तरों में छुट्टी के लिए हम बीमार होने या किसी जरूरी काम का बहाना बना देते हैं। कई बार वजह इतनी निजी होती है कि सच बताना मुश्किल हो जाता है। लेकिन इस Gen Z कर्मचारी ने बिना झिझक अपनी सच्चाई लिख दी। उसका कहना था कि वह अपने ब्रेकअप के बाद काम पर ध्यान नहीं दे पा रहा है और उसे कुछ दिनों के लिए ब्रेक चाहिए।

यह ईमेल KnotDating कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ जसवीर सिंह के पास पहुंचा। जसवीर ने X पर इस मेल का स्क्रीनशॉट शेयर किया और लिखा कि उन्हें अब तक का सबसे ईमानदार छुट्टी का मेल मिला है। ईमेल में लिखा था कि हाल ही में मेरा ब्रेकअप हुआ है और मैं काम पर फोकस नहीं कर पा रहा हूं। इसलिए मैं आज घर से काम कर रहा हूं और 28 तारीख से 8 तारीख तक छुट्टी लेना चाहता हूं।

सीईओ ने इस मेल को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा कि Gen Z फिल्टर का इस्तेमाल नहीं करता। उनका मतलब था कि नई पीढ़ी खुलकर अपनी बात कहने में झिझकती नहीं है। यह पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई और इसे लाखों बार देखा गया।

सोशल मीडिया पर लोगों ने इस ईमेल को लेकर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। किसी ने कहा कि यह बिल्कुल सही है क्योंकि ईमानदारी से अपनी स्थिति बताना गलत नहीं है। वहीं कुछ यूजर ने मजाक में लिखा कि कुछ लोग तो शादी के लिए भी इतनी लंबी छुट्टी नहीं लेते। एक यूजर ने लिखा कि अगर कोई अपनी स्थिति के कारण काम पर ध्यान नहीं दे पा रहा तो छुट्टी देना ही सही फैसला है।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर इस बात पर चर्चा छेड़ दी है कि ऑफिस में Gen Z का रवैया कितना अलग है। वे अपनी बात कहने से नहीं डरते और अपने मानसिक हालात को लेकर भी खुलकर बोलते हैं। इस ईमेल ने साबित कर दिया कि नई पीढ़ी अपनी सच्चाई बताने से पीछे नहीं हटती चाहे मामला ऑफिस का ही क्यों न हो।