जानिए कौन सा आटा बनाता है शरीर को मजबूत, रखता है बीमारियों से दूर

हमारे रोज के खाने में अगर कोई चीज सबसे ज्यादा जरूरी होती है तो वो है आटा। सुबह दोपहर और रात हर वक्त किसी ना…

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हमारे रोज के खाने में अगर कोई चीज सबसे ज्यादा जरूरी होती है तो वो है आटा। सुबह दोपहर और रात हर वक्त किसी ना किसी रूप में हम इसे खाते हैं। लेकिन जितना ये जरूरी है उतना ही इसे नजरअंदाज भी किया जाता है। लोग फल सब्जियां और हेल्दी डाइट की बात तो करते हैं लेकिन आटे की अहमियत पर शायद ही कभी ध्यान देते हैं। डॉक्टर सलीम के मुताबिक अगर हम अपने रोजमर्रा के आटे में कुछ खास चीजें मिला लें तो यही आटा हमारे लिए एक सुपरफूड बन सकता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और डायबिटीज मोटापा आर्थराइटिस यूरिनरी इंफेक्शन और दिल की बीमारियों से बचाव होता है।

भारत में अधिकतर लोग सिर्फ गेहूं का आटा इस्तेमाल करते हैं। लेकिन सिर्फ एक ही अनाज का आटा खाने से शरीर को दूसरे अनाजों में मौजूद पोषक तत्व नहीं मिल पाते। आज जो गेहूं बाजार में मिलता है वो ज्यादातर हाइब्रिड होता है। यानी इसमें बीजों को बदलने की प्रक्रिया में एक्स रे और केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है जिससे इसका प्राकृतिक रूप खत्म हो जाता है। ऐसे गेहूं का लंबे समय तक सेवन करने से धीरे धीरे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। इससे मोटापा बढ़ता है ब्लड शुगर लेवल असंतुलित होता है ग्लूटेन से एलर्जी होती है और थायराइड जैसी दिक्कतें बढ़ने लगती हैं।

पहले के समय में ऐसा नहीं था। हमारे दादा दादी के जमाने में गेहूं शुद्ध और प्राकृतिक रूप में इस्तेमाल होता था। उसमें न कीटनाशक होते थे और न ही किसी तरह के जेनेटिक बदलाव। वो लोग सिर्फ गेहूं नहीं बल्कि बाजरा ज्वार रागी जैसे मौसमी अनाजों का भी सेवन करते थे। यही वजह थी कि उम्र बढ़ने पर भी वो फिट और तंदरुस्त रहते थे।

अगर आप गेहूं का आटा ही खाना चाहते हैं लेकिन इसे और सेहतमंद बनाना चाहते हैं तो इसमें कुछ चीजें मिलाना जरूरी है। आटे में चना मिलाने से प्रोटीन और फाइबर की मात्रा बढ़ जाती है जिससे वजन नियंत्रित रहता है और खून की कमी दूर होती है। जौ शरीर को ठंडक देता है और किडनी से जुड़ी परेशानियों में राहत पहुंचाता है। रागी हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद है और इसमें मौजूद कैल्शियम शरीर को मजबूत बनाता है। वहीं बाजरा आयरन से भरपूर होता है और महिलाओं के लिए खास तौर पर फायदेमंद माना जाता है।

इन सभी अनाजों को एक साथ नहीं बल्कि अलग अलग पीसना चाहिए क्योंकि हर अनाज का आकार और बनावट अलग होती है। इन्हें अच्छे से धोकर धूप में सुखाने के बाद बारीक पीसें और एयरटाइट डिब्बे में रखें। जब भी रोटी बनानी हो तभी इन्हें बताए गए अनुपात में मिलाकर ताजा आटा तैयार करें। कोशिश करें कि तैयार आटे को पांच छह दिन से ज्यादा स्टोर न करें वरना वो खराब हो सकता है।

सिर्फ गेहूं का आटा लंबे समय तक खाने से शरीर पर नुकसान होता है लेकिन अगर इसमें चना जौ रागी और बाजरा मिलाया जाए तो यही आटा एक पौष्टिक और ताकतवर सुपरफूड बन जाता है। इतना छोटा सा बदलाव आपकी सेहत को बेहतर बना सकता है और जिंदगी में नई ऊर्जा भर सकता है।