कबूतरों को दाना डालना बन सकता है सेहत के लिए खतरा, फेफड़ों को पहुंच सकता है गंभीर नुकसान, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

भूखों को खाना खिलाना एक पुण्य का काम माना जाता है, लेकिन अगर आप अक्सर अपने घर की बालकनी या छत पर कबूतरों को दाना…

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भूखों को खाना खिलाना एक पुण्य का काम माना जाता है, लेकिन अगर आप अक्सर अपने घर की बालकनी या छत पर कबूतरों को दाना डालते हैं तो यह आदत आपकी सेहत के लिए खतरा बन सकती है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि कबूतरों की बीट में मौजूद माइक्रोऑर्गेनिज्म कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं।

कबूतरों की बीट से कैसे फैलती है बीमारी
एक्सपर्ट्स के अनुसार कबूतर का मल जब सूख जाता है तो उसमें मौजूद फंगी और बैक्टीरिया हवा में उड़ने लगते हैं। यह सूक्ष्म कण सांस के जरिए शरीर के अंदर पहुंचते हैं और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे ब्रीदिंग इंफेक्शन, फेफड़ों की सूजन और यहां तक कि दिमाग की झिल्ली में इंफेक्शन जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

खतरनाक फंगी और बैक्टीरिया
डॉक्टरों का कहना है कि कबूतरों की बीट में हिस्टोप्लाज्मा कैप्सूलटम नाम का फंगी पाया जाता है जो सांस की बीमारियों का मुख्य कारण बनता है। इसके अलावा इसमें क्रिप्टोकोकस और क्लैमाइडिया सिटासी जैसे जीवाणु भी पाए जाते हैं। ये जीवाणु हवा के साथ लंग्स तक पहुंच जाते हैं जिससे ‘सिटाकोसिस’ नाम की बीमारी हो सकती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द और सांस लेने में परेशानी शामिल हैं।

किसे है ज्यादा खतरा
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, बुजुर्ग, छोटे बच्चे और अस्थमा से पीड़ित लोगों को इन बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। लंबे समय तक कबूतरों के संपर्क में रहने या उनकी बीट के पास रहने से इंफेक्शन का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।

कैसे करें बीट की सफाई
अगर घर या बालकनी में कबूतरों की बीट जमा हो गई है तो उसे साफ करते समय कुछ सावधानियां जरूरी हैं। सफाई करते समय हमेशा मास्क और ग्लव्स पहनें, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें और सूखी बीट को गीले कपड़े या डिसइंफेक्टेंट स्प्रे से ही साफ करें। सफाई के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं और बीट को खुले में फेंकने से बचें।

कैसे करें बचाव
बालकनी और खिड़कियों को हमेशा साफ और सूखा रखें। बर्ड स्पाइक्स या नेट लगवाएं ताकि कबूतर वहां बैठ न सकें। पक्षियों के लिए दाना-पानी बालकनी में न रखें। आप चाहें तो वहां प्लास्टिक का उल्लू या डैफोडिल का पौधा भी रख सकते हैं क्योंकि इसकी गंध कबूतरों को पसंद नहीं आती।

इलाज और सावधानी
: अगर किसी व्यक्ति को कबूतरों की बीट से जुड़ा इंफेक्शन हो जाता है तो डॉक्टर स्थिति के अनुसार एंटीबायोटिक या एंटीफंगल दवाइयां देते हैं। ऐसे में खुद से कोई दवा न लें बल्कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। यह किसी भी चिकित्सा सलाह या इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें।