आखिरकार वही हुआ जिसका डर सभी को था। मोंथा तूफान ने मंगलवार की रात आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में तबाही मचा दी। जब यह चक्रवात समुद्र से टकराया तो हवाओं की रफ्तार इतनी तेज थी कि कई जगहों पर घरों की छतें उड़ गईं और पेड़ बिजली के खंभों के साथ सड़कों पर गिर पड़े। देखते ही देखते दक्षिण भारत के कई हिस्सों में हालात बिगड़ गए और लोगों की रात दहशत में बीती।
मौसम विभाग ने बताया कि मोंथा तूफान आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास मछिलीपट्टनम और कालींगपट्टनम के बीच टकराया था। उस वक्त हवाएं करीब सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थीं जो कुछ देर में 110 तक पहुंच गईं। समुद्र में ऊंची लहरें उठीं और किनारों पर बसे गांवों में पानी घुस गया।
कोनसीमा जिले में तूफान की वजह से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई जब तेज हवाओं से उखड़ा पेड़ उसके घर पर गिर पड़ा। इसी इलाके में नारियल के पेड़ गिरने से एक लड़का और एक ऑटो चालक भी घायल हुए। आसपास के इलाकों में भी लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है।
मोंथा नाम थाई भाषा के शब्द से लिया गया है जिसका मतलब खुशबूदार फूल होता है। लेकिन इस बार इस नाम वाले तूफान ने अपने पीछे सिर्फ विनाश की गंध छोड़ दी। ओडिशा के पंद्रह जिलों में भी हालात खराब हैं। कई जगह बिजली ठप है और सड़कों पर पेड़ गिरे पड़े हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले चौबीस घंटे में इसका असर उत्तर की तरफ बढ़ते हुए पूर्वी और मध्य भारत तक पहुंचेगा। ओडिशा में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। जबकि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, सौराष्ट्र कच्छ, तेलंगाना और विदर्भ में भी मूसलाधार बारिश के आसार हैं। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा में भी बारिश की संभावना जताई गई है।
उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में बिजली चमकने और आंधी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार कई राज्यों में गर्जन के साथ बिजली गिरने और तीस से साठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। छत्तीसगढ़, तेलंगाना, विदर्भ और केरल में हवाओं की रफ्तार चालीस से साठ किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
तटीय कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड और बंगाल के तटीय इलाकों में तीस से चालीस किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज झोंके चलने का अनुमान है। उत्तर आंध्र प्रदेश में हवाओं की रफ्तार पैंसठ से पचहत्तर किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी है। कर्नाटक, गोवा, गुजरात, आंध्र, ओडिशा और बंगाल के तटीय हिस्सों में समुद्र में ऊंची लहरें और उफान की स्थिति बनी रहेगी।
पूर्व मध्य अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कई इलाकों में पैंतीस से पैंसठ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने की संभावना है। मोंथा तूफान के असर से तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो दिनों तक भारी बारिश और तेज हवाएं चलती रहेंगी।
मौसम विभाग ने आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में राहत और बचाव दल तैनात कर दिए गए हैं। मोंथा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि समुद्री तूफानों का असर सिर्फ तटीय राज्यों तक सीमित नहीं रहता बल्कि इसका असर देश के अंदरूनी हिस्सों तक गहराई से महसूस किया जा सकता है।
