देहरादून, 28 अक्टूबर 2025
जेल में 22 महीने बिताने के बाद दून के जाने-माने उद्योगपति सुधीर विंडलास को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। 21 दिसंबर 2023 को गिरफ्तारी के बाद से वह लगातार जेल में थे। उनकी रिहाई से उत्तराखंड की राजनीति और व्यापार जगत में एक बार फिर हलचल मच गई है, क्योंकि यह मामला सीधे बड़े लैंड स्कैम से जुड़ा है।
गौरतलब है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद सत्ता के गलियारों में भी जबरदस्त भूचाल आया था। हाईकोर्ट में जमानत की याचिका निरस्त होने के बाद विंडलास के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, जहाँ उन्हें राहत मिली है।
क्या था जमीनों के ‘महाघपले’ का मामला?
यह पूरा मामला देहरादून के राजपुर इलाके में सरकारी और निजी जमीनों पर धोखाधड़ी करके अवैध कब्जा करने का है। शुरुआती तौर पर देहरादून पुलिस ने इस संबंध में कई मुकदमे दर्ज किए थे, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए बाद में उत्तराखंड सरकार ने इसकी जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी थी।
जनवरी 2022 में दर्ज हुए मुकदमों में जो आरोप लगाए गए थे, वे बेहद चौंकाने वाले थे। आरोप था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीनों पर कब्जा किया गया। धोखाधड़ी करने के लिए मृत व्यक्तियों को भी जीवित दिखाकर और उनके कर्मचारियों को उन मृतकों के स्थान पर खड़ा करके जालसाजी की गई थी।
सीबीआई की गिरफ्तारी, ईडी की एंट्री
सीबीआई ने इस मामले में गहराई से जांच की और 21 दिसंबर 2023 को उद्योगपति सुधीर विंडलास और उनके कई सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।
मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इसमें कूद चुका है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इस मामले की जांच कर रहा है और उसने करोड़ों की कुछ संपत्तियों को जब्त भी किया है।
सुधीर विंडलास की जमानत याचिकाएं पहले हाईकोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी थी, जिसके बाद उनकी कानूनी टीम ने देश की सबसे बड़ी अदालत का रुख किया और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें अब सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है।
