ऋषिकेश में कबूतर बाजी के शौकीन दोस्तों में ऐसी तकरार हुई की बात हत्या तक पहुंच गई। घर से बुलाकर ले गए दोस्त अक्षय ठाकुर ने अजेंद्र को 32 बार चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है कि किसी भी शख्स ने इस वारदात को रोकने की कोशिश नहीं की।
अजेंद्र को लहूलूहान करने के बाद आरोपी उसे खुद माया कुंड स्थित निजी अस्पताल में ले गया जहां उसकी हालत गंभीर थी जिसके बाद परिजनों के पहुंचने आरोपी मौके से फरार हो गया। अजेंद्र के पिता राय चंद कंडारी बार-बार यही कह रहे हैं कि आखिर मेरे बेटे को क्यों मारा ?उसका एक हाथ भी ठीक से काम नहीं करता था।
दिव्यांग बेटे की इस तरह चाकू से गोदकर की गई हत्या काफी दर्दनाक है और सबसे बड़ी बात यह है कि बीच बचाव के लिए भी कोई नहीं आया। एम्स में बेटे को देखने तक का किसी को मौका नहीं मिला। उन्होंने पुलिस को लेकर भी सवाल उठाए
मारा गया।
अजेंद्र कंडारी शादीशुदा था। उसका एक साल का बेटा है। सामाजिक कार्यकर्ता सरदार सिंह पुंडरी ने बताया कि अजेंद्र को दो बहनें हैं। एक बहन की शादी भी हो चुकी है। वहीं, हत्याकांड के बाद मुनिकीरेती में पीडब्ल्यूडी तिराहे से लेकर तपोवन तिराहे तक मां विमला देवी बेटे को खोने के गम में दहाड़े मारकर रोती रहीं।
बहन किरन चौहान के आंसू के साथ फफकती नजर आई। वहीं, चाकुओं से गोद कर की गई अजेंद्र की हत्या से आसपास के लोग भी गम में डूबे नजर आए।
